पुलिस की नजर इस समय सिंडिकेट के एक बड़े सप्लायर भूतनाथ पर है। जानकारी के मुताबिक, वह दिल्ली से ऑपरेट कर रहा है और नाइजीरियन गिरोह के साथ मिलकर काम करता है। छत्तीसगढ़ में MDMA सप्लाई का मुख्य चैनल इसी के जरिए चलता है। अफसरों का कहना है कि भूतनाथ की तलाश के लिए दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में दबिश दी जा रही है।
साइलेंट पार्टनर की तलाश
रायपुर में हेरोइन और MDMA बेचने वाले इस गिरोह के पीछे केवल सप्लायर ही नहीं, बल्कि ऐसे साइलेंट पार्टनर भी हैं, जो फाइनेंशियल मदद और लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराते हैं। पुलिस अब इनकी पहचान में जुटी है। बैंकिंग ट्रांजैक्शन, मोबाइल नंबर और ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स से मिले इनपुट की जांच की जा रही है। 2 हजार नंबर और 1500 अकाउंट्स की जांच
इस जांच में पुलिस के सामने बड़ी चुनौती संदिग्धों का नेटवर्क है। अब तक 2 हजार से ज्यादा मोबाइल नंबर और करीब डेढ़ हजार बैंक खातों के डिटेल खंगाले जा रहे हैं। इनमें से कई अकाउंट फर्जी पहचान पर खोले गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन खातों के जरिए करोड़ों रुपए की हेराफेरी और हवाला नेटवर्क के इस्तेमाल की आशंका है। डेढ़ करोड़ से ज्यादा की बरामदगी
अब तक की कार्रवाई में पुलिस ने लगभग डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा की हेरोइन और MDMA जब्त की है। यह छत्तीसगढ़ में नशे के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी मानी जा रही है। पुलिस का मानना है कि यह केवल शुरुआती सफलता है, आने वाले दिनों में सिंडिकेट के और बड़े राज खुल सकते हैं।
फाइनेंशियल ट्रेल और डिजिटल क्लूज से आरोपियों की तलाश
नशे के इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस अब फाइनेंशियल ट्रेल और डिजिटल क्लूज पर काम कर रही है। मोबाइल चैट, वॉट्सऐप कॉल, क्रिप्टो ट्रांजैक्शन और ऑनलाइन वॉलेट की भी जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह नेटवर्क केवल रायपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका लिंक अन्य राज्यों से भी है।