जानकारी के मुताबिक, जांच एजेंसी ने आरोपियों के बयान, जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल सबूतों के बारे में जानकारी ली है। सीबीआई की ओर से आज फिर से सभी आरोपियों को रिमांड बढ़ाने की मांग की है। कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से बहस जारी है।
प्रश्न पत्र लीक करने का आरोप
गिरफ्तार आरोपियों में PSC की पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, PSC के पूर्व सचिव और रिटायर्ड IAS जीवनलाल ध्रुव, उनके बेटे सुमित ध्रुव, निशा कोसले और दीपा आदिल शामिल हैं। आरती वासनिक पर प्रश्न पत्र लीक करने का आरोप है।
इससे पहले भी CBI ने आरती वासनिक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था, लेकिन उस समय उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था। इस बार हुई गिरफ्तारी से माना जा रहा है कि CBI को जांच में नए सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर एजेंसी पूछताछ करना चाहती है।
इससे पहले ये आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार
इससे पहले 18 नवंबर को CBI ने तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात के तत्कालीन निदेशक श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 10 जनवरी को 5 और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
जिनमें नितेश सोनवानी (तत्कालीन अध्यक्ष का भतीजा, डिप्टी कलेक्टर चयनित), ललित गणवीर (तत्कालीन डिप्टी परीक्षा नियंत्रक, CGPSC), शशांक गोयल, भूमिका कटियार (दोनों डिप्टी कलेक्टर चयनित) और साहिल सोनवानी (डीएसपी चयनित) शामिल हैं। फिलहाल, ये सभी जेल में बंद हैं।
जानिए क्या है CGPSC घोटाला
यह मामला 2020 से 2022 के बीच हुई भर्ती प्रक्रियाओं से जुड़ा है। आरोप है कि आयोग की परीक्षाओं और इंटरव्यू में पारदर्शिता को दरकिनार कर राजनीतिक और प्रशासनिक रसूख वाले परिवारों के उम्मीदवारों को उच्च पदों पर चयनित किया गया।
इस दौरान योग्य अभ्यर्थियों की अनदेखी कर डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य राजपत्रित पदों पर अपने नजदीकी लोगों को पद दिलवाने का खेल हुआ। प्रदेश सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच सीबीआई को सौंपी। जांच एजेंसी ने छापेमारी में कई दस्तावेज और आपत्तिजनक साक्ष्य बरामद किए हैं।