दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। प्रतियोगिता में फेंसिंग, नेटबॉल, ट्रैक साइक्लिंग, लॉन टेनिस, जूडो और टेबल टेनिस जैसे खेल शामिल हैं। राज्यभर से बालक और बालिकाएं इसमें हिस्सा लेंगे। जिला प्रशासन और स्कूल शिक्षा विभाग दुर्ग मिलकर आयोजन की तैयारी कर रहे हैं।
26 सितंबर को सुबह 10 बजे विवेकानंद सभागार में संभाग स्तरीय काव्य-पाठ प्रतियोगिता होगी। यह आयोजन राज्य गठन की रजत जयंती 2025-26 के अवसर पर किया जा रहा है।
प्रतिभागियों को गूगल फॉर्म के माध्यम से पंजीयन करना होगा। प्रतियोगिता में 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग के युवा हिस्सा ले सकेंगे। प्रतिभागी हिंदी या छत्तीसगढ़ी भाषा में कविता प्रस्तुत कर सकेंगे।
छत्तीसगढ़ में फ्लोटिंग सोलर प्लांट की शुरुआत
छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव एवं गौरव उत्सव स्वर्णिम संकल्प व सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत दुर्ग में एक विशेष आयोजन हुआ। नगर निगम और जिला चिकित्सालय के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को श्रद्धेय मोतीलाल वोरा सभागार में नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर का शुभारंभ महापौर अलका बाघमार, सभापति श्याम शर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक ने किया। निगम आयुक्त सुमित अग्रवाल सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे। नेताओं ने स्वयं भी स्वास्थ्य परीक्षण कराया और नागरिकों को नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए प्रेरित किया।
रजत जयंती वर्ष के अवसर पर कोविड काल में उल्लेखनीय सेवाएं देने वाले जिला चिकित्सालय के 29 स्वास्थ्यकर्मियों को सम्मानित किया गया। महापौर अलका बाघमार, जिलाध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज दानी ने उन्हें प्रमाणपत्र प्रदान किए।
महापौर बाघमार ने कहा कि स्वस्थ नागरिक ही समृद्ध और प्रगतिशील शहर की नींव रखते हैं। सभापति श्याम शर्मा ने स्वास्थ्य शिविरों की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। जिलाध्यक्ष कौशिक ने कोविड योद्धाओं के योगदान की सराहना की।
शिविर में एमआईसी सदस्य, पार्षद, मंडल पदाधिकारी, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. दिव्या श्रीवास्तव, डीएचओ संजीव, नोडल अधिकारी डॉ. अर्चना चौहान और डीपीएम डॉ. भूमिका वर्मा सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी और आम नागरिक उपस्थित रहे।
यौन उत्पीड़न निवारण अधिनियम के पालन के निर्देश
दुर्ग कलेक्टर अभिजीत सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यौन उत्पीड़न निवारण अधिनियम (पीओएसएच एक्ट 2013) का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं। जिले के सभी निजी संस्थानों में यह कानून लागू होगा।
कलेक्टर के आदेश के मुताबिक, 10 या इससे अधिक कर्मचारियों वाले सभी निजी संस्थानों को आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) बनानी होगी। संस्थानों को एक सप्ताह के भीतर समिति गठन कर इसकी जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी को भेजनी होगी। यह जानकारी हार्ड कॉपी और ई-मेल dpodurg@gmail.com पर भी भेजनी होगी।
सभी समितियों को 14 अक्टूबर 2025 तक महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के शी-बॉक्स पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पंजीकरण के लिए संस्थानों को https://shebox.wcd.gov.in पर जाकर Private Head Office Registration में विवरण भरना होगा।
नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों पर पीओएसएच एक्ट की धारा 26 के तहत 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। बार-बार नियम तोड़ने पर और कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
यह कदम कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। समिति के गठन से पीड़ित महिलाएं सीधे अपने संस्थान में शिकायत दर्ज करा सकेंगी। इससे उन्हें जल्द न्याय मिल सकेगा।