सभापति राठौड़ ने बताया कि उन्होंने एक-एक पार्षद से राय जानने के बाद लिखित अभिमत भी लिया है। बैठक के दौरान पार्षदों ने कहा कि संगठन से जो पत्र आपके पास आया है। उसमें उनकी सहमति का जिक्र किया गया है, लेकिन आकाश तिवारी के नाम पर कोई सहमति नहीं दी है।
संदीप साहू ही रहेंगे नेता प्रतिपक्ष
सभापति सूर्यकांत राठौर ने कहा कि जब तक आधिकारिक रूप से नया नाम घोषित नहीं होता, तब तक नगर निगम में संदीप साहू ही नेता प्रतिपक्ष रहेंगे। संदीप साहू ने कहा कि पांच पार्षदों ने मुझे ही नेता प्रतिपक्ष माना है। अब आगे सभापति क्या फैसला लेते हैं, यह उनके ऊपर है।
आकाश ने संगठन के खिलाफ जाकर लड़ा था निर्दलीय पार्षद चुनाव
सभापति सूर्यकांत राठौड़ और कांग्रेस के पांच पार्षदों के बीच हुई बैठक में पार्षदों से पूछा गया कि कांग्रेस का संगठन आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए कह रहा है तो पार्टी के पार्षद इससे इनकार क्यों कर रहे हैं।
इस पर पांचों पार्षदों ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी ने आकाश तिवारी को टिकट नहीं दिया था। तब उन्होंने पार्टी के खिलाफ जाकर निर्दलीय चुनाव लड़ा।
पार्षदों ने कहा कि पार्टी छोड़कर जाने वाले नेता को संगठन को नेता प्रतिपक्ष नहीं मानते है। हमने संदीप को अपना अभिमत दिया है। पुराने फैसले पर हम अडिग है।
ये पार्षद हुए थे बैठक में शामिल
मंगलवार (23 सितंबर) को हुई बैठक में महामाया मंदिर वार्ड पार्षद जयश्री नायक, सरदार वल्लभभाई पटेल वार्ड पार्षद दीप मनीराम साहू, शहीद मनमोहन सिंह बख्शी वार्ड पार्षद रोनिता प्रकाश जगत, वीर सावरकर नगर वार्ड पार्षद संदीप साहू और लाल बहादुर वार्ड पार्षद रेणु जयंत साहू शामिल थे।
इन सभी ने कहा कि हमने पहले भी संगठन को अपना इस्तीफा सौंपा था और आज भी अपने निर्णय पर अडिग हैं। अपना नेता प्रतिपक्ष संदीप साहू को ही मानते है।
कांग्रेस ने विवाद को जन्म दिया
सभापति सूर्यकांत ने कहा कि विवाद को जन्म देने वाली कांग्रेस पार्टी स्वयं है, कांग्रेस ने पहले संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष के रूप में चयन किया और जिला अध्यक्ष का पत्र आया।
हमने उसे स्वीकार किया, 3 महीने बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी का पत्र आया कि हमने नेता प्रतिपक्ष उन्हें नहीं नियुक्त किया है। उसके बाद कांग्रेस जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे ने पत्र भेजा की प्रदेश कांग्रेस ने आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष बनाया है।
सभापति ने बताया कि जिस दिन कांग्रेस के जिला अध्यक्ष का पत्र मुझे मिला था। उस दिन कांग्रेस के पांच पार्षदों ने लिखित में अपना इस्तीफा मुझे दिया और कहा कि हम कांग्रेस पार्षद दल से अपना इस्तीफा दे रहे हैं।
लेकिन बाद में फिर से कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष का पत्र आया कि पांच पार्षदों ने कांग्रेस पार्टी से अपना इस्तीफा वापस ले लिया है और आकाश तिवारी को नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता दी जाए।
चर्चा कर लेंगे निर्णय
वर्तमान में कांग्रेस के नगर निगम में 8 पार्षद है। जिनमें से 5 पार्षदों ने अपना अभिमत संदीप को दिया है। वहीं तीन पार्षद अर्जुमन ढेबर, शेख मुशीर और आकाश तिवारी इस बैठक में नहीं थे।
सभापति ने कहा कि जिन पांच पार्षदों ने अपना अभिमत बताया है, वे इस विषय के जानकारों से चर्चा करने के बाद ही कुछ निर्णय करेंगे। दूसरे नाम की घोषणा होने तक नेता प्रतिपक्ष संदीप साहू ही रहेंगे।
मेयर बोली ये हमारा विषय नहीं है
नेता प्रतिपक्ष विवाद को लेकर मेयर मीनल चौबे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपना नेता प्रतिपक्ष बनाए तो ठीक ना बने तो ठीक, यह हमारा विषय नहीं है, ना हमारी पार्टी का विषय है। नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस का अंदरूनी मामला है।
कांग्रेस रायपुर नगर निगम में अपना नेता प्रतिपक्ष निर्धारित नहीं कर पा रहे हैं। कांग्रेस से 8 पार्षद है सभी को वे नेता प्रतिपक्ष नियुक्त कर दे हमें कोई दिक्कत नहीं है। यह हमारा विषय नहीं है कांग्रेस को आपस में बैठकर इस विषय को ठीक करना चाहिए।