पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, सक्ती जिले का रहने वाला इंटर स्टेट गांजा तस्करों का मुख्य सरगना भागवत साहू को गांजा तस्करी के मामले में ही 2024 में पकड़ा गया था। पुलिस ने आरोपी के बैंकिंग लेन-देन और अन्य दस्तावेजों के आधार पर 19 अगस्त 2025 को नारकोटिक्स सफेमा कोर्ट मुंबई में सक्षम अधिकारी व प्रशासक कार्यालय में मामला पेश किया।
जहां जांच के बाद न्यायालय ने पाया कि आरोपी की पत्नी के पास आय का कोई वैध स्रोत नहीं है और खाते में जमा रकम गांजा तस्करी से अर्जित की गई है। इस आधार पर 15 सितंबर को न्यायालय ने आदेश जारी कर आरोपी की पत्नी के बैंक खातों में जमा 15 लाख 7 हजार 686 रुपए को फ्रीज कर दिया।
कैसे पकड़ाया था आरोपी
अगस्त 2024 में पुलिस को गांजा तस्करी की सूचना मिलने के बाद रायगढ़-बिलासपुर पुलिस की 5 टीम बनाई गई। पुलिस ने ओडिशा के जिला बउत, बिलासपुर के ग्राम पिहरीद, सक्ती के चारपारा में दबिश दी।जहां से 3 गांजा तस्करों को पकड़ा गया।
पुलिस को पता चला कि सक्ती में पदस्थ पुलिस आरक्षक किशोर साहू ने गांजा तस्करों की मदद की थी, तो उसे और उससे पहले एक महिला को गिरफ्तार किया गया। इस गिरोह का मुख्य सरगना भागवत साहू था। तस्करों के पास से पुलिस ने 35 लाख का गांजा समेत 72 लाख की संपत्ति जब्त की थी।
क्या है सफेमा?
स्मगलर एंड फाॅरेन एक्सचेंज मैनिपुलेटर (फाॅर्फचर ऑफ प्राॅपर्टी ) एक्ट 1976 यानि सफेमा कानून उन तस्करों और हवाला कारोबारियों पर लागू होता है। जिन्होंने अवैध तरीके से संपत्ति कमाई की है। इस कानून के तहत उनकी अवैध संपत्ति को जांच एजेंसी कोर्ट में पेश करती है और कोर्ट सुनवाई कर संपत्ति को फ्रीज या जब्त करने का आदेश देती है। सफेमा कोर्ट इसी प्रकार के मामलों की सुनवाई करने वाला विशेष न्यायिक मंच है।
मामला सफेमा कोर्ट में पेश किया गया
इस मामले में जूटमिल थाना प्रभारी प्रशांत राव आहेर ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद केस को सफेमा कोर्ट मुबंई में पेश किया गया था। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय में गांजा तस्कर के मुख्य सरगना के तस्करी से अर्जित किए गए 15 लाख से अधिक रुपए को फ्रीज कर दिया है।