शिकायत के अनुसार शिक्षक प्रफुल्ल साहू ने त्रैमासिक परीक्षा ड्यूटी के दौरान एक छात्र से अपना मोबाइल लेकर सेल्फी स्टैंड के साथ वीडियो व फोटो बनवाए।
इसके अलावा प्रार्थना के समय सहकर्मी शिक्षिका श्रुति मिश्रा पर टिप्पणी करते हुए उपहास किया और पढ़ाई के समय हारमोनियम बजाने की भी पुष्टि जांच में हुई। यह कृत्य विभाग ने अत्यंत गंभीर माना है।
जांच दल की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि शिक्षक प्रफुल्ल साहू और शिक्षिका सीमा शर्मा ने स्टाफ रूम को छोड़कर अलग कक्ष में बैठना शुरू कर दिया था।
इस आचरण से विद्यालय का वातावरण दूषित हुआ और स्टाफ के बीच तनाव का माहौल बन गया। आदेश में कहा गया कि दोनों के इस व्यवहार से स्कूल की छवि धूमिल हुई और बच्चों की पढ़ाई व अन्य गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ा।
संभागीय संयुक्त संचालक आर.एल. ठाकुर ने आदेश जारी करते हुए शिक्षक एल.बी. प्रफुल्ल साहू और शिक्षिका एल.बी. सीमा शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।
बच्चों को पर्याप्त भोजन नहीं दिया
इसी जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि सीमा शर्मा मध्यान्ह भोजन (एमडीएम) की प्रभारी थीं, लेकिन उनके द्वारा बच्चों को न तो पर्याप्त मात्रा में भोजन दिया गया और न ही शासन द्वारा निर्धारित मेनू के अनुसार परोसा गया।
इस लापरवाही से बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। जबकि सरकार का उद्देश्य कुपोषण कम करना और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना है।
सिविल सेवा आचरण नियम के तहत कार्रवाई
संभागीय संयुक्त संचालक ने आदेश में उल्लेख किया कि शिक्षकों के इस कृत्य से अभिभावकों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। यह कार्य न केवल शासकीय कार्य के प्रति गैर-जिम्मेदाराना रवैया दर्शाता है, बल्कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन भी है।
नियम अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा
इसे गंभीर कदाचार मानते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत कार्रवाई की गई।
निलंबन अवधि में शिक्षक प्रफुल्ल साहू का मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी, गुण्डरदेही (जिला बालोद) और शिक्षिका सीमा शर्मा का मुख्यालय प्राचार्य, शासकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय धमधा (जिला दुर्ग) निर्धारित किया गया है। इस दौरान उन्हें नियम अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।