इस मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने ननकीराम कंवर के धरना प्रदर्शन का समर्थन किया है। बैज ने कहा कि ननकी राम कंवर ने संगठन और सरकार से बार-बार न्याय की मांग की, लेकिन समाधान नहीं मिला।
उन्होंने बताया कि उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने जांच और परीक्षण का आश्वासन दिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर कंवर ने दोबारा पत्र लिखा है और 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री निवास के सामने धरना देने का ऐलान किया है। हम उनके इस निर्णय का स्वागत करते हैं।
अपमानित और प्रताड़ित होकर यह कदम उठाया
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि, कंवर भाजपा के सबसे वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं। अगर उनकी बात को भी संगठन और सरकार में नजरअंदाज किया जा रहा है, तो आम जनता की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। कंवर ने अपमानित और प्रताड़ित होकर यह कदम उठाया है।
बैज ने आगे कहा कि संभव है कि कंवर के इस निर्णय के बाद सरकार को नींद से जगना पड़े। उन्होंने कंवर के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने अपनी ही सरकार और भाजपा के खिलाफ हिम्मत दिखाते हुए आवाज बुलंद की है। यह प्रशासनिक आतंकवाद के खिलाफ मजबूत लड़ाई की शुरुआत है।
जानिए क्या है विवाद ?
ननकीराम कंवर ने आरोप लगाया है कि, कलेक्टर हिटलरशाही तरीके से प्रशासन चला रहे हैं। उनके खिलाफ सैकड़ों भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है। उन्होंने कहा कि 40,000 स्व-सहायता समूह की महिलाओं से अरबों की ठगी, मालगांव और रलिया में फर्जी मुआवजे के नाम पर करोड़ों रुपए की अनियमितता जैसे मामलों में कलेक्टर की सीधी संलिप्तता है।
पहले भी पूर्व मंत्री को कलेक्टर ने भेजा था नोटिस
पूर्व मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि, कलेक्टर भाजपा कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को टारगेट कर रहे हैं। इसमें एक पत्रकार का मकान गिराने और पार्टी कार्यकर्ताओं के राइस मिल और पेट्रोल पंप को सील किए जाने की घटनाएं शामिल हैं।
यह विवाद पहले भी चर्चा में रहा है, जब कलेक्टर अजित वसंत ने पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को एक फेसबुक पोस्ट के लिए नोटिस भेजा था। कलेक्टर का कहना था कि पोस्ट प्रशासन की छवि खराब करती है और सामाजिक वैमनस्य फैलाने की मंशा रखती है।