थाना प्रभारी विमलेश दुबे ने बताया कि सुपारी लाल SECL की कोयला लोड वाहनों में सील लगाने का काम करता था। रोज की तरह घर में खाना खाकर खाट पर सो रहा था। 6 अगस्त की सुबह को अचानक उसकी खाट में आग लग गई।
जलती खाट से निकलकर वह चीखता-चिल्लाता बाहर भागा। पड़ोसियों ने दौड़कर आग बुझाई और उसे गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय पहुंचाया। शरीर 85 प्रतिशत तक जलने के कारण उसे पहले अंबिकापुर और फिर रायपुर रेफर किया गया। लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। पत्नी रोने का नाटक कर रही थी
पत्नी मूर्ति बाई ने घटना को हादसा बताया। आरोपी पत्नी पति के जलने के बाद रो रही थी। लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पेट्रोल से जलने की पुष्टि हुई। जांच में फोरेंसिक टीम को भी घर में पेट्रोल के सबूत मिले। जिसके बाद कड़ाई से पूछताछ में पत्नी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
जानकारी के मुताबिक, पति के शक के कारण लंबे समय से दोनों के बीच अनबन थी। सुपारी लाल और पत्नी मूर्ति बाई कई बार अलग भी रहे थे। घटना से कुछ दिन पहले ही दोनों फिर से साथ रहने लगे थे।