दरअसल, रविवार सुबह वार्ड क्रमांक-43 के पार्षद विष्णुचरण पटेल के नेतृत्व में बरमुड़ा गांव के सैकड़ों ग्रामीण जिंदल सीमेंट प्लांट के पास एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम बरमुड़ा से होकर निकलने वाला बड़ा नाला सीमेंट प्लांट से होकर गुजरता है।
कंपनी ने प्लांट परिसर के अंदर इस नाले को बंद कर दिया है। जिससे बारिश का पानी गांवों और खेतों में भरने लगा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि समय रहते नाले को नहीं खोला गया, तो आने वाले दिनों में फसलें डूब जाएंगी और भारी नुकसान होगा।
10 गांवों की पानी निकासी पर असर
पार्षद विष्णुचरण पटेल ने बताया कि, इस नाले से बरमुड़ा, कलमी, सराईपाली, कोसमपाली, गोरखा, बाबा धाम समेत 10 गांवों का पानी निकासी होती है। यह एकमात्र नाला है जो पूरे इलाके की जल निकासी सुनिश्चित करता है।
उन्होंने कहा कि शनिवार को भी ग्रामीणों ने इसका विरोध किया था, जिसके बाद कंपनी ने अस्थायी रूप से एक छोटा पाइप लगाकर पानी की निकासी की कोशिश की, लेकिन वह पर्याप्त नहीं था। इसके चलते रविवार को फिर ग्रामीणों को प्रदर्शन करना पड़ा।
कंपनी ने सुधार का दिया भरोसा
विरोध की जानकारी मिलते ही जिंदल सीमेंट प्लांट के अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्लांट के पीआरओ और महाप्रबंधक हेमंत वर्मा ने बताया कि, ग्रामीणों की शिकायत के बाद तुरंत कार्रवाई की गई है। नाले को पोकलेन मशीन लगाकर व्यवस्थित किया जा रहा है, जिससे पानी निकासी में किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
उन्होंने कहा कि कंपनी की प्राथमिकता है कि स्थानीय ग्रामीणों को किसी तरह की परेशानी न हो और जल्द ही समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।