रणिता के पर्चे में लिखा है कि, देश में क्रांतिकारी आंदोलन में जरूरी बदलाव लाने में हमारे CC (सेंट्रल कमेटी मेंबर) विफल रहे हैं। इसका परिणाम यह रहा कि क्रांतिकारी आंदोलन कमजोर हुआ है। आंदोलन में आम जमता की भागीदारी भी कम हुई है। आंदोलन को मजबूत करने और आगे बढ़ाने के कई मौके मिले लेकिन मौकों का इस्तेमाल नहीं कर सके।
बदली हुई परिस्थितियों से मेल नहीं खाने वाले गलत निर्णय के कारण सारी कोशिशें विफल रहीं। इसलिए अब हथियार छोड़कर जनता के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है। नक्सली लीडर का कहना है कि पुलिस गतिविधियों को कम करें। इस महीने की 15 तारीख तक हम सरेंडर कर देंगे।