जानकारी के मुताबिक, मृतक महिला की पहचान इतवरिया के रूप में हुई है। वह अपनी चार साल की बेटी जानकी और दो साल की बेटी रामकली के साथ घर में सो रही थी। रात में अचानक एक जंगली हाथी ने घर पर हमला कर दिया।
हाथी के घर में घुसने पर इतवरिया ने तुरंत बच्चों को गोद में उठाया और उन्हें बचाने की कोशिश की। वह घर से बाहर भागी, लेकिन हाथी ने उस पर हमला कर दिया।
हमले के दौरान महिला ने अपनी दोनों बच्चियों को दूर फेंककर उनकी जान बचा ली, लेकिन खुद को नहीं बचा सकी। घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। बड़ी बेटी का पैर फ्रैक्चर
दोनों बच्चियों को जनकपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बड़ी बेटी जानकी का पैर फ्रैक्चर हो गया है। घटना के समय महिला का पति हरिसिंह और उसका बड़ा बेटा घर पर नहीं थे।
यह घटना मानव-वन्यजीव संघर्ष की एक और मिसाल है, जो क्षेत्र में लगातार चिंता का विषय बनी हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग द्वारा हाथी के मूवमेंट को लेकर गांववासियों को कोई जानकारी नहीं दी जाती है।