जांजगीर-चांपा जिले में स्कूली छात्रों से पुताई कराए जाने का मामला सामने आया

Chhattisgarh Crimesजांजगीर-चांपा जिले में स्कूली छात्रों से पुताई कराए जाने का मामला सामने आया है। पामगढ़ के डोंगाकोहरौद स्थित स्वामी आत्मानंद हाई स्कूल का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें छात्र-छात्राएं क्लासरूम की पुताई करते दिख रही है।बताया जा रहा है स्कूल के प्रिंसिपल ने छात्रों को प्रैक्टिकल नंबर बढ़ाने का लालच दिया था, जिसके बाद वे लिपाई-पुताई के काम में लग गए। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कलेक्टर ने प्राचार्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

 

वहीं, कांग्रेस ने भी वीडियो शेयर कर सरकार पर सवाल उठाए है। कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि शिक्षा के मंदिर में बच्चे मजदूर बन गए। शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री और उनकी सरकार कहां हैं? DEO ने बनाई जांच समिति

 

प्राचार्य पर आरोप है कि उन्होंने छात्रों को अपनी कक्षाएं रंगने का फरमान सुनाया था, जिसके बदले अच्छे प्रैक्टिकल नंबर देने का वादा किया गया। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) द्वारा एक जांच समिति गठित की गई थी।

 

छात्र-छात्राओं ने अपनी मर्जी से किया काम

 

जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। पामगढ़ बीईओ ने डोंगाकोहरौद गांव के आत्मानंद हाई स्कूल का निरीक्षण किया और प्राचार्य से जवाब मांगा। प्राचार्य ने स्वीकार किया कि स्कूल कक्षा की सजावट का काम कराया गया था, लेकिन उन्होंने दावा किया कि छात्र-छात्राओं ने यह काम अपनी मर्जी से किया। जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपे

 

हालांकि, छात्र-छात्राओं से पूछताछ करने पर सच्चाई सामने आई। उन्होंने बताया कि प्राचार्य ने अपनी-अपनी कक्षा की पुताई करने पर अच्छे प्रैक्टिकल नंबर देने का लालच दिया था। इस खुलासे के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी।

 

दोषी प्राचार्य के खिलाफ होगी कार्रवाई

 

कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषी प्राचार्य के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई पढ़ाई छोड़कर ब्रश और पेंट लेकर स्कूल के कमरों की पुताई कर रहे कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों से काम कराने के मामले में की गई है। कांग्रेस ने उठाए सवाल

 

छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ये वीडियो अपलोड कर सरकार पर सवाल उठाया है। फेसबुक पर लिखा कि शिक्षा का मंदिर बना पुताई घर, बच्चे बन गए मजदूर!

 

पामगढ़ विकास खंड के डोंगाकोहरौद स्वामी आत्मानंद स्कूल में दिवाली से पहले शिक्षक बच्चों को क्लासरूम की रंगाई करवा रहे हैं। शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री और उनकी सरकार कहां हैं? जब बच्चों की पढ़ाई ही तिरस्कृत हो रही है, तो ये ‘विकास’ के जुमले सिर्फ़ पोस्टरों तक ही क्यों सीमित रह गए हैं?

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