स्थानीय निवासी सावित्री गोंड ने बताया कि कुछ लोग बाहर से ऊंट को लेकर आए थे और उसे जंगल में रस्सी से बांधकर भाग गए। उन्होंने 112 और वेलफेयर सोसाइटी को इसकी सूचना दी थी, जिसके बाद पशु चिकित्सक उसका इलाज कर रहे थे। गोंड ने ऊंट को छोड़कर भागने वाले लोगों पर कार्रवाई की मांग की है।
पशु चिकित्सक मनोज कुमार ने जानकारी दी कि पिछले दो दिनों से ऊंट का इलाज चल रहा था। उसके मुंह में संक्रमण फैल गया था, जिसके कारण उसकी मौत हुई। इलाज के दौरान हुई मौत
छत्तीसगढ़ हेल्थ वेलफेयर सोसाइटी के जिला अध्यक्ष अविनाश कुमार गुप्ता ने बताया कि सूचना मिलते ही उनकी टीम ने ऊंट का रेस्क्यू कर इलाज शुरू किया था। हालांकि, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, जिसके बाद समिति ने उसका अंतिम संस्कार किया।
यह पहली बार नहीं है जब कोरबा जिले में सामाजिक संगठनों ने ऐसे पशुओं के प्रति अपना सरोकार दिखाया है। इससे पहले भी गोवंश और अन्य पशुओं की मृत्यु होने पर इन संगठनों ने उनका अंतिम संस्कार किया है।