छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता बनवारी लाल अग्रवाल का 78 वर्ष की आयु में निधन

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता बनवारी लाल अग्रवाल का 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनका निधन कोरबा के दुरपा रोड स्थित पुरानी बस्ती निवास पर हुआ। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। परिजनों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से घर पर ही इलाज चल रहा था। बुधवार रात करीब 10:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

गुरुवार को कोरबा के मोतीसागर पारा के मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल, और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। सबने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी और कंधा देकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

कोरबा में हुआ था जन्म

बनवारी लाल अग्रवाल का जन्म 1 मई 1947 को हुआ था। उनका जन्म कोरबा जिले के ग्राम जपेली में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने रायपुर विश्वविद्यालय से एमएससी, बीएड और एलएलबी की डिग्री हासिल की और और वकालत को अपना पेशा बनाया। उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों के लिए कार्य किया।

छात्र जीवन से ही RSS से जुड़े

छात्र जीवन से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे। उन्होंने अपना जीवन संगठन, समाज और शिक्षा के प्रति समर्पित किया। उन्होंने शिक्षक के रूप में छत्तीसगढ़ उच्चतर माध्यमिक शाला बिलासपुर और सावन पब्लिक स्कूल, नई दिल्ली में अपनी सेवाएं दीं।

जनसंघ के समय में शुरू की राजनीति

उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत जनसंघ के समय में की थी। 1990 के दशक में वे बिलासपुर भाजपा कमेटी के संगठन महामंत्री बने। इसके बाद उन्होंने कोरबा विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। वे 1993 में पहली बार कटघोरा विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए और 1998 और 2003 में भी पुनः चुने गए।

विधानसभा में अपने कार्यकाल के दौरान, वे लोकलेखा समिति, प्रश्न एवं संदर्भ समिति, आवास समिति और कार्य मंत्रणा समिति सहित कई महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य रहे। उन्हें छत्तीसगढ़ विधानसभा का उपाध्यक्ष बनने का अवसर भी मिला।

भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष भी रहे

वे भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष और अनुशासन समिति के सदस्य भी रहे। उनकी छवि एक सादे, ईमानदार और जनसेवक नेता की थी। कोरबा और कटघोरा क्षेत्र में वे बेहद लोकप्रिय रहे और गरीब, मजदूर और किसानों के हक में हमेशा आवाज उठाई।

राजनीति के साथ-साथ वे शैक्षणिक और सामाजिक संगठनों जैसे सरस्वती शिशु मंदिर, रोटरी क्लब और लायंस क्लब से भी जुड़े रहे।

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