दरअसल, 16 अक्टूबर को कर्मचारी कंपनी के दो डिपो में ताला जड़कर सीधे दलदल सिवनी डंपिंग यार्ड पहुंच गए थे। उनका कहना था कि उन्हें कई महीने से वेतन नहीं मिला है, ऊपर से कंपनी के सुपरवाइजर लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।
पहले भी मिला था आश्वासन, पूरा नहीं हुआ
कर्मचारियों का आरोप था कि इससे पहले भी उन्होंने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की थी, उस समय कंपनी प्रबंधन ने वेतन और काम के माहौल सुधारने का आश्वासन दिया था। लेकिन हड़ताल खत्म होने के बाद भी किसी भी मांग पर अमल नहीं हुआ।
गंदगी की मार झेल रहे लोग
इस हड़ताल का सीधा असर शहर की सफाई व्यवस्था पर पड़ा। कई इलाकों में कचरा नहीं उठाया गया। बता दें कि शहर की सफाई का जिम्मा रामकी ग्रुप के पास है।