
वहीं, ट्वीट के बाद कांग्रेस ने इस मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि, यह एक पिता की वेदना है। चैतन्य को फर्जी केस में जेल भेजा गया है। राजनीतिक द्वेष की वजह से दीपावली के दिन भी मिलने नहीं दिया गया। यह अमानवीय है।”
कांग्रेस ने इसे “एक पिता की वेदना” बताया और आरोप लगाया कि चैतन्य बघेल को “फर्जी मुकदमों” और केंद्र‑राज्य की मिली जुली कार्रवाई के तहत गिरफ्तार किया गया है। दिवाली के दिन मिलने से रोकना जनता की भावना के विपरीत है।
बीजेपी ने बदले की इंतहा को पार कर दिया
कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि, आज हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहार के दिन भूपेश बघेल को अपने परिवार से मिलने से रोका गया। छत्तीसगढ़ की जनता इस तरह की भावना को स्वीकार नहीं करती है। भारतीय जनता पार्टी ने बदले की इंतहा को पार कर दिया है। चैतन्य बघेल पर क्या हैं आरोप?
बता दें कि, ईडी ने 18 जुलाई 2025 को चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। एजेंसी का दावा है कि छत्तीसगढ़ में लगभग 2,500 करोड़ के शराब घोटाले में उनका नाम है। जिसमें वे लगभग ₹1,000 करोड़ के अवैध प्रबंधन में शामिल थे। उनके खिलाफ दाखिल हुई जमानत याचिका को छत्तीसगढ़ हाई‑कोर्ट ने हाल ही में खारिज कर दिया।