उपवास कर रहे भक्तों ने शिवलिंग के नीचे बैठे सांप को दूध चढ़ाया। श्रद्धालुओं ने सांप की भी पूजा की। कई घंटों तक सांप वहीं रहा। बाद में सुरक्षा कारणों से उसे वहां से हटा दिया गया।
पास की झाड़ियों में चला गया सांप
स्थानीय भक्तों के अनुसार, दोपहर के समय अचानक नाग सांप के आने से श्रद्धालुओं की भक्ति भावना और बढ़ गई। जैसे ही यह खबर फैली, आसपास के क्षेत्रों से भी लोग दर्शन के लिए पहुंचने लगे। जब सांप को सुरक्षा कारणों से हटाया गया, तो वह खुद ही पास की झाड़ियों की ओर चला गया।
गांव के कुछ भक्तों ने इसे चमत्कार माना। उनका मानना था कि यह भगवान शिव के गले में लिपटे वासुकी नाग का छोटा रूप है। श्रद्धालुओं ने विधि-विधान से शिवलिंग के साथ नाग की भी पूजा की।