
इस हादसे में बच्ची खून से लथपथ होकर गंभीर रूप से घायल हो गई। उसकी हालत देखकर परिजन भी घबरा गए। देखते ही देखते घर में दिवाली की खुशियां मातम में बदल गई। परिजन उसे तत्काल इलाज के लिए सिम्स लेकर पहुंचे।
आंख से मस्तिष्क तक पहुंची चोंट, रायपुर रेफर
सिम्स में शुरुआती इलाज के बाद बच्ची का एक्स-रे और सिटी स्कैन कराया गया। घंटी उसकी आंख की झिल्ली के साथ ही मस्तिष्क तक पहुंच गया। जिस कारण न्यूरो सर्जरी की आवश्यकता हुई। लिहाजा, सिम्स से बच्ची को रायपुर रेफर कर दिया गया है। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
सिम्स में पटाखों से झुलसने के 40 से अधिक केस आए
वहीं, कहीं अनार फटा तो कहीं नकली बम की चपेट में लोग आए है। 20 से अधिक लोग जिला अस्पताल और 40 से ज्यादा सिम्स पहुंचे। जहां उनका इलाज किया गया। कई लोगों ने अपना इलाज निजी अस्पतालों में भी कराया है। पटाखे फोड़ने के दौरान बरती जाने वाली सावधानी को दरकिनार करने की वजह से इस तरह के हादसे हुए है। राहत की बात यह है कि कोई भी गम्भीर मामले सामने नहीं आया है, घायलों को दवा देकर घर भेजा गया है। जूना बिलासपुर में पटाखे चलाते समय दो बच्चे झुलस गए। अनारदाना उनकी आंख में जल गया। जिनका प्राथमिक उपचार कराने के बाद परिजन प्राइवेट अस्पताल ले गए। इसी तरह कुदुदंड में रजा रजक और मुकेश रजक पटाखे चलाते समय झुलस गए, जिन्हें इलाज के लिए सिम्स में भर्ती किया गया है।