
खुर्सीपार के खेल परिसर में शराब दुकान का विरोध हो रहा था। स्थानीय पार्षद और जोन अध्यक्ष भूपेंद्र यादव के साथ यहां प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ियों ने भी शराब दुकान का विरोध किया है।
लेकिन आबकारी विभाग ने पुलिस प्रशासन के सहयोग से विरोध को दरकिनार करते हुए यहां पर शराब दुकान को खोल दिया है। इसके लिए पहले उन्होंने पार्षद को जेल हिरासत में ले लिया और बाद में चारों तरफ पुलिस बल की तैनाती कर दी, ताकि किसी भी तरह का कोई विरोध न कर सके।
हत्या के बाद हाईवे से हटाया गया था शराब दुकान
यह वही दुकान है जिसे पहले वार्ड-51 के राजेंद्र प्रसाद नगर से हत्या की वारदात के बाद हटाया गया था। सितंबर में शराब के नशे में धुत एक युवक ने मोहल्ले के ही एस. कामेश राव की हत्या कर दी थी। इसके बाद नागरिकों ने शराब दुकान हटाने की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया।
स्थानीय विरोध के चलते प्रशासन को दुकान को उस जगह से हटाना पड़ा था। बाद में आबकारी विभाग ने दुकान को शिवाजी नगर में खोलने की योजना बनाई, लेकिन वहां भी महिलाओं ने कड़ा विरोध किया। आबकारी और पुलिस के आला अधिकारी रहे मौजूद
शराब दुकान खुलवाने के लिए 29 अक्टूबर की सुबह आबकारी विभाग के अधिकारी पूरी तैयारी के साथ मौके पर पहुंचे। सुरक्षा व्यवस्था के लिए छावनी सीएसपी हेमप्रकाश नायक, डीएसपी भारती मरकाम, टीआई आनंद शुक्ला, टीआई महेश ध्रुव, टीआई राजेश मिश्रा, महिला टीआई और अन्य पुलिस अधिकारी भारी बल के साथ मौजूद रहे।
पुलिस ने इलाके को घेराबंदी कर आबकारी टीम को दुकान खोलने का रास्ता दिया। कुछ ही देर में दुकान की सफाई, धुलाई और स्टॉक भरने का काम पूरा हुआ और बिक्री शुरू कर दी गई।
बालिका खिलाड़ी भी करती हैं प्रैक्टिस
स्थानीय लोगों का कहना है कि खेल परिसर जैसी जगह पर शराब दुकान खोलना काफी गलत निर्णय है। यहां प्रतिदिन सैकड़ों बच्चे खेल गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं, इसमें बालिका वर्ग की खिलाड़ी भी शामिल हैं। ऐसे में शराब दुकान खुलने से माहौल खराब होगा।