
दरअसल, पुलिस को गुरुवार रात ग्रामीणों से सूचना मिली थी कि एक पिकअप में मवेशियों को भरकर ले जाया जा रहा है, जिस पर तस्करी का संदेह था। पुलिस टीम ने ग्राम सराईपाली पंचायत रिवापार में घेराबंदी कर दबिश दी।
वहां सफेद रंग का एक पिकअप वाहन (CG 29 A 4865) मिला, जिसमें सात मवेशी अवैध रूप से ले जाए जा रहे थे। वाहन चालक और उसके साथियों से पूछताछ करने पर पता चला कि वे इन मवेशियों को जशपुर जिले से उत्तर प्रदेश के बूचड़खाने में वध के लिए ले जा रहे थे।
नहीं पेश कर पाए कोई दस्तावेज
मौके पर जांच के दौरान, पशुओं के परिवहन संबंधी कोई वैध दस्तावेज या अनुमति पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। पुलिस ने वाहन चालक और उसके साथियों को हिरासत में ले लिया। गिरफ्तार आरोपियों में सन बहाल राम यादव (36), दिनेश राम (35), मंगलू यादव (32) और खिक राम बघेल (35) शामिल हैं।
तीन अन्य आरोपी
इस मामले में निर्मल बंजारे, दीपक कुर्रे और लक्ष्मण रात्रे उर्फ दूलू नामक तीन अन्य आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। पुलिस ने लगभग 4,00,000 रुपए कीमत का पिकअप, लगभग 3,50,000 रुपए कीमत के मवेशी और एक बाइक (CG 28 Q 4661) जब्त किया है।
कोरबा सीएसपी भूषण एक्का ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 4, 6, 10 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (घ) के तहत केस दर्ज कर उन्हें विधिवत गिरफ्तार किया गया है।
अवैध कबाड़ कारोबार
शहर के उरगा थाना क्षेत्र के ग्राम पचपेड़ी में इन दिनों अवैध कबाड़ का कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। इस अवैध धंधे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें कारोबारियों ने अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देते हुए खुलेआम गतिविधियां की हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए कोरबा सीएसपी भूषण एक्का ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
गांव के आसपास खुलेआम लोहे, तार, पाइप, पुरानी मशीनें, बैटरियां और बिजली उपकरणों की खरीद-बिक्री की जा रही है। यह कारोबार बिना किसी सरकारी अनुमति या लाइसेंस के बड़े पैमाने पर संचालित हो रहा है, लेकिन जिम्मेदार विभाग और स्थानीय पुलिस की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
हर दिन क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से पिकअप और छोटे वाहनों के जरिए कबाड़ यहां लाया जाता है और जमा किया जाता है। पचपेड़ी में यह कारोबार अब पूरी तरह संगठित रूप ले चुका है। सुरक्षा मानकों और पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी के कारण आसपास के इलाकों में गंदगी और प्रदूषण बढ़ रहा है, जिससे अवैध गतिविधियों को भी बढ़ावा मिल रहा है।
कबाड़ के नाम पर कई संदिग्ध वस्तुएं भी यहां लाई जाती हैं, जिनके चोरी का माल होने की आशंका है। वायरल वीडियो में कारोबारियों ने अपनी ऊंची पहुंच का दावा करते हुए स्थानीय अधिकारियों का हवाला भी दिया है। जिले में कबाड़ व्यवसाय के संचालन की स्थिति फिलहाल स्पष्ट नहीं है।
कुछ समय पहले मानिकपुर चौकी क्षेत्र में एक कबाड़ी ने एसईसीएल का माल खरीदा था, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। उस घटना के बाद एसईसीएल प्रबंधन ने कबाड़ बेचने वाले चार कर्मियों पर नोटिस जारी कर कार्रवाई की थी।
शहर में ऐसे कई कबाड़ दुकानें संचालित हो रही हैं, जिनकी जांच की जिम्मेदारी अब तक स्पष्ट नहीं है। यह जानना आवश्यक है कि वे किस प्रकार का माल खरीद और बेच रहे हैं। सीएसपी भूषण एक्का ने बताया कि वायरल वीडियो के आधार पर मामले को संज्ञान में लिया गया है और विधिवत जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।