
पुलिस ने वारदात को अंजाम देने के बाद चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें दो नाबालिग शामिल हैं। यह पूरा मामला राजिम थाना क्षेत्र का है।
अब जानिए पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, मृतक दुर्गेश साहू (26 वर्ष) मूल रूप से परतेवा गांव का निवासी था। वो राजिम वार्ड क्रमांक 6 में रहकर मजदूरी करता था। दुर्गेश की राजिम के थाना पारा क्षेत्र के रहने वाले वीरेंद्र धीवर (24 वर्ष) और थानेंद्र साहू (23 वर्ष) की दोस्ती थी।
मामूली पैसों को लेकर बढ़ा विवाद
दुर्गेश ने करीब 6 माह पहले वीरेंद्र से 1 हजार रुपये उधार लिए थे। जब वीरेंद्र ने पैसे मांगे, तो दुर्गेश टालमटोल करने लगा। इसपर वीरेंद्र गुस्से में आ गया और उसने दुर्गेश को सजा देने की ठान ली। इसके लिए उसने अपने दोस्त थानेंद्र और दो नाबालिग साथियों के साथ मिलकर प्लानिंग की।
दोनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि गुस्से में वीरेंद्र और उसके साथियों ने दुर्गेश के साथ मारपीट शुरू कर दी। वीरेंद्र और उसके दोस्तों ने दुर्गेश को लात-घूंसों, ईंट और पत्थरों से पीट-पीटकर मार डाला।
इतना ही नहीं आरोपियों ने सबूत छिपाने के लिए शव के हाथ-पैर बांधे, मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और पत्थर से बांधकर लोधिया तालाब में फेंक दिया।
तालाब में तैरता मिला शव
दो दिन बाद स्थानीय लोगों ने तालाब में एक शव को तैरते देखा, जिसके बाद उन्होंने तुरंत राजिम पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और एफएसएल टीम के साथ जांच शुरू की। शव की पहचान दुर्गेश साहू के रूप में हुई। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और दुर्गेश के परिजनों से पूछताछ की।
जांच के दौरान पता चला कि दुर्गेश 27 अक्टूबर को अंतिम बार वीरेंद्र और उसके दोस्तों के साथ देखा गया था। इस आधार पर पुलिस ने दो नाबालिग सहित चारों आरोपियों को हिरासत में लिया और पूछताछ की। सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
पुलिस ने उनके पास से घटना में इस्तेमाल ईंट-पत्थर और अन्य सामान भी जब्त कर लिए हैं। सभी आरोपियों पर बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।