जानकारी के मुताबिक, गांव की आंगनबाड़ी पिछले 13 सालों से 500 रुपए किराए पर एक निजी छोटे से भवन में चल रही है। सड़क किनारे होने के कारण खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं कमरा छोटा होने से अधिक संख्या में बच्चों को बैठाना और पढ़ाना मुश्किल हो रहा है।
आंगनबाड़ी की स्थिति को लेकर सरपंच जिम्मेदार
अधूरे आंगनबाड़ी भवन की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। खिड़कियों और दरवाजों में जंग लग चुका है। दीवारों से पलस्तर गिर रहा है। ग्रामीण सरपंच की लापरवाही को इसका जिम्मेदार मान रहे ह
पंचायत की ओर से भवन सौंपे जाने पर संचालन होगा शुरू
ग्रामीणों का कहना है कि समय पर भवन पूरा होता, तो बच्चों को बेहतर और सुरक्षित माहौल मिल पाता। महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी संजय कड़ोपी ने कहा कि पंचायत की ओर से भवन सौंपे जाने पर वे तुरंत वहां आंगनबाड़ी का संचालन शुरू कर देंगे।