
ऑपरेशन के दौरान पुलिस टीम ने जब जंगल के भीतर यह ठिकाना खोजा, तो वहां कई हथियार अधूरे बने मिले। बरामद मशीनों से साफ था कि यहां लंबे समय से हथियार तैयार हो रहे थे। सुकमा SP किरण चव्हाण ने बताया, यह कार्रवाई नक्सलवाद के उन्मूलन की दिशा में बड़ी सफलता है। सुरक्षाबल अब जंगल के हर कोने में पैठ बना रहे हैं। हमारा लक्ष्य सिर्फ ऑपरेशन नहीं, बल्कि स्थायी शांति और विकास है।
सालभर में नक्सल नेटवर्क की कमर टूटी
सुकमा में अब तक 545 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। 454 गिरफ्तार और 64 हार्डकोर नक्सली ढेर किए गए हैं। इन कार्रवाइयों से नक्सलियों का नेटवर्क चरमराया है। जो इलाके कभी बंदूकों की आवाज़ से दहशत में थे, वहां आज सड़कें, स्कूल और पुनर्वास केंद्र बन रहे हैं। मुख्यधारा में लौटने वालों का स्वागत
SP किरण चव्हाण ने कहा कि, सरकार की नीति साफ है। हिंसा छोड़ने वालों को पूरा सम्मान और सुरक्षा मिलेगी। शिक्षा, रोजगार और पुनर्वास के जरिए अब बस्तर को भयमुक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने अपील की, जो हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहता है, उसके लिए दरवाज़े खुले हैं। हिंसा का अंत ही बस्तर की नई शुरुआत है।