
अलग-अलग टीमों ने जिले के प्रमुख मार्गों और बस स्टैंडों पर पहुंचकर वाहनों के सुरक्षा मानकों, दस्तावेजों और व्यवस्थाओं का परीक्षण किया। इस दौरान ज्यादातर बसों में नियमों का उल्लंघन मिला। जिसके बाद पुलिस ने ड्राइवरों के साथ-साथ स्कूल संचालकों को भी बसों की सुरक्षा बेहतर करने के निर्देश दिए।
इन मानकों को किया गया चेक
जांच के दौरान बसों में फिटनेस सर्टिफिकेट, वैध परमिट, फायर सेफ्टी उपकरण, फर्स्ट एड बॉक्स, आपातकालीन निकास द्वार (Exit Gate) और चालक की अनुशासनात्मक स्थिति की विस्तार से जांच की गई।
इसके साथ ही ओवरलोडिंग और अनधिकृत सवारियों पर विशेष नजर रखी गई। ट्रैवलिंग बसों पर खास नजर रखी जा रही है। लंबी दूरी की यात्रा के दौरान सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं, इसकी भी जांच की गई।
ज्यादातर बसों में नियमों का उल्लंघन
जांच के दौरान जिन वाहनों में सुरक्षा मानकों का उल्लंघन पाया गया, उनके विरुद्ध त्वरित चालानी कार्रवाई की गई। अभियान के अंतर्गत कुल 35 बसों के चालान काटे गए और उनसे 90,000 रुपए जुर्माना वसूला गया। ये कार्रवाई मुख्यतः उन बसों पर हुई जिनमें आवश्यक दस्तावेज अधूरे थे, फायर सेफ्टी उपकरण नहीं थे या ओवरलोडिंग की गई थी।
स्कूली बस संचालकों पर भी सख्ती
जांच के दौरान स्कूली बसों में भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं मिले। इस पर पुलिस ने ड्राइवरों के साथ-साथ स्कूल संचालकों को भी बसों की सुरक्षा बेहतर करने के निर्देश दिए। इसमें महिला केयर टेकर रखने की भी सलाह दी गई। बस ड्राइवरों को नशे की हालत में वाहन न चलाने की भी चेतावनी दी गई।