मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे में नहीं हुई गड़बड़ी

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा कि राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में सीटों का निर्धारण नियमों के अनुरूप है।

सुनवाई के बाद कोर्ट ने नया रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च की याचिका खारिज कर दी है। कॉलेज प्रबंधन ने सभी एनआरआई कोटे की सीटों को मैनेजमेंट में बदलने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

रावतपुरा यूनिवर्सिटी ने साल 2025-26 के लिए नीट- यूजी प्रक्रिया में शामिल होने और बची हुई सीटों के लिए अलग काउंसलिंग की अनुमति मांगी थी। नेशनल मेडिकल काउंसिल ने इसे सशर्त मंजूर करते हुए एमबीबीएस की 150 की जगह 100 सीटों की भर्ती की स्वीकृत की थी।

मॉप-अप राउंड में शामिल होने मिली थी अनुमति

याचिका में बताया गया कि दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद 9 अक्टूबर को पहली बार मॉप-अप राउंड में भाग लेने की अनुमति मिली। मॉप-अप सीट मैट्रिक्स में कॉलेज को 100 सीटें दी गईं, इसमें 43 सरकारी, 42 प्रबंधन और 15 सीटें एनआरआई कोटे की थीं।

लेकिन 11 नवंबर को छत्तीसगढ़ के चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने नोटिस जारी कर सभी 15 एनआरआई सीटों को मैनेजमेंट कोटे में बदल दिया। इस आदेश को कॉलेज ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

कॉलेज ने कहा- राज्य सरकार ने मनमाने ढंग से किया सीटों का निर्धारण

कॉलेज प्रबंधन ने तर्क दिया कि यह कदम मनमाना है और नियमों का उल्लंघन है। उनका कहना था कि सुनवाई का अवसर दिए बिना संस्थान की सीटें बदली गईं। सीटों का निर्धारण नियमों को दरकिनार कर किया है।

राज्य शासन का जवाब- एनआरआई कोटा खाली रहने पर किया बदलाव

वहीं, राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि नियमों के अनुसार एनआरआई कोटे में प्रवेश की अंतिम तारीख राज्य की प्रवेश की अंतिम तारीख से 10 दिन पहले होती है। यानी एनआरआई सीटों पर 10 नवंबर 2025 तक ही प्रवेश होना था।

चूंकि 10 नवंबर तक एनआरआई कोटे से प्रवेश पूरा नहीं हो पाया, इसलिए नियम के मुताबिक खाली सीटें ओपन कैटेगरी में जानी थीं, जिसे राज्य ने मैनेजमेंट कोटा के रूप में लागू किया।

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