
जानकारी के मुताबिक, रायपुर के तिल्दा, खरोरा और धरसींवा थानों में केस दर्ज किए गए हैं। जिसमें रामकुमार वर्मा, पोषण लाल धुरंधर, कौशल लाल वर्मा और ब्रजमोहन देवांगन के नाम शामिल हैं। धान खरीदी से पहले केंद्रों के कर्मचारी हड़ताल पर हैं, इसलिए सरकार ने एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लगाया है।
एस्मा उल्लंघन पर विभाग सख्त
एस्मा लगने के बाद भी कर्मचारी काम में नहीं लौट रहे हैं, इसलिए अब विभाग सख्ती कर रहा है। रायपुर कलेक्टर के निर्देश पर तिल्दा, खरोरा और धरसींवा में चार कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है। जिन कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज हुई है, उसमें लिपिक सहायक, कृषि सहकारी समिति के विक्रेता शामिल हैं।
प्रदेश में अब तक 19,464 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी
छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू हो गई है। पूरे प्रदेश में 2,739 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। सरकार के सख्त निर्देश के बाद भी पहले दिन मात्र 10 प्रतिशत यानि 195 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी हुई। इन केंद्रों के माध्यम से 19,464 क्विंटल धान खरीदा गया है। इस आंकड़े के सार्वजनिक होने के बाद सरकार ने कलेक्टरों को सख्ती करने के निर्देश दिए है। निर्देश मिलने के बाद अब कलेक्टरों ने सख्ती करना शुरू कर दी है।
प्रदेश में अब तक 6 करोड़ का धान जब्त
छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है। इसी दौरान, प्रशासन ने अवैध रूप से दूसरे राज्यों से लाए जा रहे धान पर कार्रवाई की। 1 नवंबर से 16 नवंबर तक अभियान चलाकर पूरे प्रदेश में कुल 19,320 क्विंटल धान जब्त किया गया, जिसकी कीमत 6 करोड़ रुपए आंकी गई है।
तस्करों ने यूपी, एमपी और ओडिशा से धान लाया था, जिसे टास्क फोर्स ने घेराबंदी कर पकड़ा। सबसे ज्यादा महासमुंद में 4,266 क्विंटल धान जब्त किया गया है। जबकि दूसरे नंबर पर बलरामपुर है। जहां से 4,139 क्विंटल धान जब्त किया गया है।