
अब सोमवार को एआईसीसी की बैठक में इन नामों पर अंतिम मुहर लगनी तय मानी जा रही है। इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज और प्रदेश के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट के साथ तीनों सह प्रभारियों एस.ए. सम्पत कुमार, जरिता लैतफलांग और विजय जांगिड़ भी मौजूद रहेंगे।
हर जिले के लिए 6-6 नामों का है पैनल
कांग्रेस ने ‘संगठन सूजन अभियान’ के दौरान 9 से 17 अक्टूबर तक प्रदेश के 41 जिलों में पर्यवेक्षक भेजे थे। हर जिले से छह नामों का पैनल तैयार कर एआईसीसी को भेजा गया था। इसके बाद वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर शॉर्टलिस्ट बनाई गई। राहुल गांधी के साथ हुई चर्चा के बाद अब नाम लगभग फाइनल हो चुके हैं। कांग्रेस बिहार चुनाव के बाद अब पूरी तरह संगठन को मजबूत करने में जुटी है, इसलिए छत्तीसगढ़ में यह फेरबदल अहम माना जा रहा है।
इन पदाधिकारियों को मिल सकती है कमान
बताया जा रहा है कि रायपुर शहर कांग्रेस की कमान सुबोध हरितवाल और रायपुर ग्रामीण की कमान प्रवीण साहू को मिल सकती है। वहीं दुर्ग ग्रामीण में राकेश ठाकुर, अंबिकापुर में बालकृष्ण पाठक और जगदलपुर में सुशील मौर्या को जिलाध्यक्ष बनाया जा सकता है।
बिलासपुर और धमतरी में नए चेहरों को मौका
वहीं बिलासपुर और धमतरी में नए चेहरे देखने को मिलेंगे। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में पंकज तिवारी और मनोज गुप्ता, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में अशोक श्रीवास्तव और के. डमरू रेड्डी, दुर्ग शहर कांग्रेस में आरएन वर्मा और धीरज बाकलीवाल, भिलाई जिला में मुकेश चंद्राकर और साकेत चंद्राकर जिलाध्यक्ष बनने की रेस में लगे हुए हैं।
नई लिस्ट में मिल सकता है पांच जिलाध्यक्षों को दोबारा मौका
इस बार कांग्रेस के संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। 41 जिलाध्यक्षों में से केवल पांच को ही दोबारा मौका मिल सकता है, क्योंकि ये नियुक्तियां अभी कुछ महीने पहले ही हुई थीं। बाकी जिलों में नए चेहरे सामने आने तय हैं।
कांग्रेस पहली बार परफॉर्मेंस-बेस्ड सिस्टम अपना रही है, जिसमें हर छह महीने में जिलाध्यक्षों के काम की समीक्षा होगी। दुर्ग, पाटन, सरगुजा, अंबिकापुर और बलरामपुर के जिलाध्यक्ष दोबारा अपनी कुर्सी बचा सकते हैं। नई सूची जारी होने से पहले ही पूरे प्रदेश में चर्चा तेज है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अगले 48 घंटे बेहद अहम रहने वाले हैं।