
राजमेरगढ़ का आसमान, अपने स्वच्छ वातावरण और कम प्रकाश प्रदूषण के कारण, खगोल अवलोकन के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है। यहां प्रतिभागियों को आधुनिक डिजिटल टेलिस्कोप की सहायता से एक अनूठा खगोलीय अनुभव प्राप्त हुआ।
उन्होंने शनि के शानदार छल्ले, बृहस्पति और उसके चंद्रमाओं के साथ-साथ ओरायन और प्लेयडीज जैसे प्रसिद्ध नक्षत्रों का अवलोकन किया। पड़ोसी एंड्रोमेडा गैलेक्सी और कई मनमोहक नेब्युला और तारों के समूह भी आकर्षण का केंद्र रहे।
तारों, ग्रहों और ब्रह्मांड के रहस्य समझाए
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण खगोल विशेषज्ञ देवल सिंह बघेल रहे। उन्होंने रात के आकाश को प्रस्तुत किया और ध्रुवतारा की मदद से दिशा जानने, तारों की संरचना, तापमान और उम्र के विज्ञान, ग्रहों की कक्षाओं-गति, हमारी आकाश गंगा की अद्भुत संरचना और ब्रह्मांड के विकास से जुड़े दिलचस्प सिद्धांतों को सरल-रोचक भाषा में समझाया।
प्रतिभागियों का ध्यान धरती की प्राकृतिक धरोहरों पर केंद्रित
यह आयोजन केवल खगोल विज्ञान तक सीमित नहीं था। आसमान के अवलोकन के बाद प्रतिभागियों का ध्यान धरती के खजानों पर केंद्रित हुआ। इस साल में मैकल पर्वतमाला की अनूठी प्रकृति से लोगों का परिचय कराया गया।
जीव-जंतुओं और प्राकृतिक संतुलन पर विस्तृत जानकारी
मैकल क्षेत्र की वनस्पति, जीव-जंतुओं की विशेष प्रजातियों और उनके महत्व, मलनिया नदी के उद्गम स्थल और जल चक्र की कहानी, प्रकृति-मानव के बीच संतुलन की आवश्यकता, जंगल आधारित जीवनशैली और स्थानीय समुदायों की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।