छत्तीसगढ़ में एसीबी–ईओडब्ल्यू की संयुक्त टीम 19 नवंबर की तड़के सुबह कार्रवाई के लिए पहुंची

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ में एसीबी–ईओडब्ल्यू की संयुक्त टीम 19 नवंबर की तड़के सुबह कार्रवाई के लिए पहुंची है। राजधानी रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग समेत कई जिलों में एक साथ 20 ठिकानों पर छापेमारी की। कार्रवाई का फोकस उन अधिकारियों पर है, जो पटवारी से राजस्व निरीक्षक (RI) बने थे और जिनके खिलाफ लंबे समय से अनियमित चयन एवं अवैध संपत्ति अर्जित करने की शिकायतें लंबित थीं।

 

गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर एक्शन

 

जानकारी के मुताबिक, पटवारी से आरआई बने अधिकारियों के घर पर छापेमारी की गई है। बता दें कि, 2024 में पटवारी से आरआई बनने के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी।

 

इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत सरकार को मिली थी। इसी संबंध में यह रेड मारी गई है।

 

7 जिलों में दबिश

 

एसीबी के अधिकारियों के अनुसार रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, गरियाबंद, अंबिकापुर, महासमुंद और जगदलपुर में अलग-अलग टीमों ने सुबह ही दबिश दी।

 

अधिकारियों के आवास, कार्यालय, निजी ठिकानों, और पैतृक संपत्तियों की गहन जांच की जा रही है। टीमों के पास डिजिटल उपकरण, बैंक विवरण, प्रॉपर्टी कागजात और संदिग्ध ट्रांजैक्शन से जुड़े दस्तावेज जब्त करने की जानकारी मिली है। संदेह के बाद कार्रवाई

 

जांच एजेंसी को संदेह है कि पटवारी से RI बनने की परीक्षा में गंभीर गड़बड़ियां, फर्जी अंक, बाहरी दबाव और लाभ पहुंचाने जैसे आरोप सही साबित हो सकते हैं।

 

कई अधिकारियों की संपत्ति उनकी आय के अनुपात से कहीं अधिक पाई गई है, जिस आधार पर छापेमारी की कार्रवाई तेज की गई।

 

नकदी, जेवर जब्त

 

कुछ स्थानों से नकदी, सोने–चांदी के गहने, उच्च मूल्य की संपत्तियों के कागज, और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिलने की खबर है। हालांकि विभाग की ओर से आधिकारिक बयान छापेमारी के समापन के बाद ही जारी किया जाएगा।

 

हालांकि पूरी कार्रवाई की अब तक अधिकृत पुष्टि एसीबी-ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने नहीं की है।

 

2024 में सिलेक्शन पर सवाल उठाए थे

 

07 जनवरी 2024 को हुई इस परीक्षा में 2600 से ज्यादा पटवारियों ने हिस्सा लिया। 29 फरवरी 2024 को परीक्षा परिणाम घोषित किए गए, जिसमें 216 पटवारियों का चयन प्रशिक्षण के लिए हुआ। हालांकि इनमें से सिर्फ 13 अभ्यर्थियों का ही अंतिम चयन हुआ, लेकिन जांच कमेटी ने 22 के सिलेक्शन पर सवाल उठाए हैं। लेकिन शिकायतों में यह प्रमुख मुद्दा बना कि परीक्षा में बड़ी संख्या में परिवारजनों या करीबी रिश्तेदारों को सुनियोजित तरीके से बैठाया गया।

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