
दरअसल, बिलासपुर में पेंड्रीडीह से लेकर नेहरू चौक तक सड़क पर कई जगह बड़ी- बड़ी दरारें आ गई हैं। एनएचएआई ने कंक्रीट सड़क का निर्माण करवाया था, लेकिन शहर के अंदर होने के बाद करीब 15 किमी सड़क पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर कर दी गई है।
पीडब्ल्यूडी ने दरारों की कई बार मरम्मत कराई, लेकिन कुछ ही दिनों में पहले जैसी स्थिति बन जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार कंक्रीट सड़क मे दरारें आने के बाद पूरा पैनल उखाड़कर बदलने की जरूरत होती है, लेकिन सालों से दरारों को भरकर काम चलाया जा रहा है।
राज्य शासन ने NIT से मांगी है रिपोर्ट
इस मामले में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि एनआईटी रायपुर से रिपोर्ट मांगी गई है, लेकिन रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण लोक निर्माण विभाग काम शुरू नहीं कर पा रहा है।
बिलासपुर के लोक निर्माण विभाग, डिवीजन-1 के कार्यपालन अभियंता ने 28 अक्टूबर और 11 नवंबर को एनआईटी रायपुर को रिमाइंडर भेजे हैं, इसकी कॉपी भी हाईकोर्ट में दी गई।
रतनपुर में महामाया मंदिर के पास शुरू हुआ काम
इस मामले की सुनवाई के दौरान यह भी बताया गया कि रतनपुर में महामाया मंदिर के पास सड़क की मरम्मत का काम 7 नवंबर से शुरू कर दिया गया है। इसकी तस्वीरें और संबंधित पत्र भी हाईकोर्ट में दिए गए। बताया कि हाईकोर्ट के 10 नवंबर के आदेश के पालन में एक हजार रुपए भी रजिस्ट्री में जमा कर दिए गए हैं।
हाईकोर्ट ने मांगा सभी खस्ताहाल सड़कों का ब्योरा
राज्य सरकार ने एनआईटी की रिपोर्ट और आगे की कार्रवाई के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है। वहीं, मामले में न्यायमित्र ने बताया कि वे जल्द ही राज्य की विभिन्न जर्जर सड़कों पर रिपोर्ट देंगे, जिन पर सरकार को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।