
कड़ाके की ठंड से बचने के लिए उन्होंने रात में झोपड़ी के अंदर अलाव जलाया था और सो गईं। पुलिस का अनुमान है कि अलाव की चिंगारी या लपटों के संपर्क में आने से ज्वलनशील सामग्री से बनी झोपड़ी में आग लग गई। आग तेजी से फैली और महिला उसमें फंस गई।
सुबह तक झोपड़ी पूरी तरह जल चुकी थी, जिसमें आशा बाई का जला हुआ शव मिला। पड़ोसियों और स्थानीय लोगों की मदद से उनकी पहचान की गई। पुलिस ने बताया कि मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए शव का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। घटना की जांच जारी है।