
हड़ताली श्रमिकों ने संयंत्र प्रबंधन पर आंदोलन को कमजोर करने के लिए पुलिस और प्रशासन का सहारा लेने का आरोप लगाया है। बुधवार दोपहर इंटक मजदूर यूनियन के अध्यक्ष दिलीप वर्मा को सुहेला पुलिस ने एक ढाबे में भोजन के दौरान हिरासत में ले लिया था। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।
श्रमिकों के विरोध और दबाव के बाद उन्हें देर रात रिहा किया गया। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी श्रमिकों के समर्थन में संयंत्र पहुंचे। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की सभी मांगें पूरी तरह जायज हैं, जिनमें 8 घंटे की ड्यूटी के बाद ओवरटाइम का भुगतान, नाइट ड्यूटी अलाउंस और डस्ट अलाउंस शामिल हैं। दबाव बनाकर आंदोलन तोड़ने की कोशिश कर पुलिस- कांग्रेस
शैलेश त्रिवेदी ने प्रबंधन के इस रवैये को हठधर्मी बताया और आरोप लगाया कि संयंत्र प्रशासनिक और पुलिस दबाव बनाकर आंदोलन तोड़ने की कोशिश कर रहा है, जो गलत है। उन्होंने चेतावनी दी कि जितना दबाव बढ़ेगा, आंदोलन उतना ही तेज होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि संयंत्र प्रबंधन न तो श्रमिकों से, न जनप्रतिनिधियों से और न ही मीडिया से बातचीत के लिए सामने आ रहा है। इससे पता चलता है कि वह गलत है। संवाद से ही हल निकलेगा और प्रबंधन का संवाद से बचना न तो मजदूर के हित में उचित है और न ही संयंत्र के हित में। उन्होंने स्पष्ट किया कि श्रमिकों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी अधिकारियों ने खुद को अधिकृत नहीं बताया
मीडिया ने संयंत्र प्रबंधन का पक्ष जानने की कोशिश की तो प्रहलाद सौरभ दीक्षित, विनोद देवांगन और राघवेंद्र तिवारी से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन सभी अधिकारियों ने खुद को अधिकृत नहीं बताया। वहीं यूनिट हेड हुकुमचंद गुप्ता से फोन पर बात करने पर उन्होंने कहा कि पाठक जी संयंत्र का पक्ष रखेंगे। इसके बाद अनिल पाठक से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन कॉल का जवाब देना उचित नहीं समझा।