बोरे-बासी दिवस…5 घंटे के कार्यक्रम में 8 करोड़ खर्चे

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ सरकार अब ‘बोरे-बासी दिवस’ के कार्यक्रम की गड़बड़ियों की जांच करेगी। शुक्रवार को इसका ऐलान छत्तीसगढ़ विधानसभा में किया गया। विधायकों की एक समिति इसकी जांच करेगी। दरअसल, कांग्रेस शासन काल के समय 1 मई मजदूर दिवस के दिन ‘बोरे-बासी दिवस’ मनाया गया था।

5 घंटे के कार्यक्रम में बोरी-बासी खाने के नाम पर 8 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे

इसके बाद ये मुद्दा विधानसभा में भी गूंजा। अब इसे लेकर जांच समिति बनाई जा रही है। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं।

शुक्रवार को सदन का अंतिम दिन था। भाजपा के विधायक राजेश मूणत ने अपनी ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए इस आयोजन में 8 करोड़ रुपए खर्च करने का मुद्दा उठाया। इसके बाद श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कांग्रेस शासन काल में श्रम दिवस पर बोरे-बासी दिवस के आयोजन की जांच की घोषणा की।

भाजपा विधायक ने किया ये दावा सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेजों के अनुसार, मूणत ने कहा कि सिर्फ रायपुर में बोरे-बासी खिलाने पर 8 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की गई थी। वह भी बिना किसी सरकारी निविदा के खर्च की गई।

साल 2020 में बैगर निविदा के 3 करोड़ का कार्य मेसर्स शुभम किराया भंडार से कराया गया। वहीं वर्ष 2023 में बगैर निविदा के 8 करोड़ 32 लाख का कार्य मेसर्स व्यापक इंटरप्राइजेज से कराया गया।

यह सिलसिला वर्ष 2024 में भी जारी रहा, जब बगैर निविदा के लगभग 3 करोड़ का कार्य मेसर्स व्यापक इंटरप्राइजेज से कराया गया।

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