मामला केशकाल थाना क्षेत्र का है। संतोष ने लालच में आकर 3 महीने के अंदर अलग-अलग किश्तों में कुल 41.30 लाख दे डाले। जब निगम मंडल की सूची में उनका नाम नहीं आया तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ। जिसके बाद वे थाने पहुंचे। ठगों में 2 लोग शामिल है
ये है पूरा मामला
मामला 12 अगस्त 2024 का है। पीड़ित संतोष ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है जिसके मुताबिक, रायपुर के रहने वाले राजीव सोनी से चर्चा के दौरान उन्होंने काजल जोशी का नाम सुना था। जिसके बाद राजीव ने काजल से मुलाकात करवाई थी।
काजल खुद को महाराष्ट्र की रहने वाली और दिल्ली में रहना होता है ऐसा बताया करती थी। उसने केंद्रीय मंत्रियों और छत्तीसगढ़ सरकार से पहचान होना बताकर खनिज निगम में चेयरमेन बनाने का प्रलोभन देकर 3 करोड़ मांगे थे।
तब पीड़ित संतोष ने इतनी बड़ी रकम तुरंत नहीं हो पाएगा कहकर कुछ रुपए देने पर राजी हुए। जिसके बाद 20 अगस्त 2024 को दिल्ली में संतोष ने काजल को 20 लाख पेमेंट दिए थे। फिर 26 सिंतबर 2024 को केशकाल से व्हाटसअप के जरिए QR कोड स्कैन कर 1 लाख 30 हजार ट्रांसफर किए थे।
उसके बाद अक्टूबर 2024 में रायपुर के होटल क्लार्क में राजीव सोनी और काजल जोशी दोनों को बुलाकर 20 लाख नगद दिया था। सतोंष ने 3 महीने के अंदर अलग-अलग किश्तों में कुल 41.30 लाख दे डाले थे।
जब छत्तीसगढ़ निगम मंडलों की नियुक्ति आदेश में पीड़ित का नाम नहीं आया तो दोनों से संपर्क करने का प्रयास किया गया। लेकिन दोनों ने फोन उठाना बंद कर दिया। ठगी का एहसास होने के बाद भाजपा नेताओं से संपर्क करने पर पता चला कि काजल जोशी नाम की कोई महिला BJP कार्यकर्ता है ही नहीं।
अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से BJP से जुड़े थे
जांच करने पर पता चला है कि काजल जोशी का नाम कोमल मुंजारे है। पीड़ित ने दोनों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है और उचित कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि संतोष अविभाजित मध्यप्रदेश के उत्तर बस्तर में जिला अध्यक्ष भी रह चुके है। वे लंबे समय से राजनीति से जुड़े है।
फरार आरोपियों की तलाश जारी
केशकाल थाना प्रभारी ज्ञानेंद्र सिंह चौहान के मुताबिक, दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक धमकी और विश्वासघात का केस दर्ज किया गया है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। दोनों आरोपी फरार हैं।