6 मार्च 2022 से उपेंद्र दास (52 साल) गंगोत्री से रामेश्वरम तक की यात्रा कर रहे हैं, इसकी दूरी 3 हजार किलोमीटर है। अब तक 5 राज्य उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ पार कर चुके हैं। सड़क पर लेटते हुए ऐसे जाना, इसे छत्तीसगढ़ में कर नापना भी कहा जाता है।
सड़क किनारे या मंदिर में करते है विश्राम
उनकी दिनचर्या सरल है। वे सुबह उठकर सड़क पर लेटते हुए कुछ दूरी तय करते हैं। थकान होने पर सड़क किनारे या मंदिर में विश्राम करते हैं। रास्ते में जहां भी मंदिर दिखता है, वहीं रुक जाते हैं। वहां प्रभु का ध्यान करने के बाद आगे की यात्रा शुरू करते हैं।
आज के हनुमान की दे रहे उपाधि
उपेंद्र दास शिवभक्त परिवार से हैं। उनके अनुसार परिवार को जितना समय देते हैं, उतना ही ईश्वर को भी देना जरूरी समझते हैं। उनकी इस अद्भुत यात्रा को देखकर लोग उन्हें आज के हनुमान की उपाधि दे रहे हैं।
राम के चरणों में माथा टेकना लक्ष्य
जब लोग उनसे पूछते हैं कि रामेश्वरम कब तक पहुंचेंगे, तो वे मुस्कराकर कहते हैं – जब राम चाहेंगे। उनका मानना है कि राम के चरणों में माथा टेकना ही जीवन का सबसे बड़ा सुख है। बिहार के बैजनाथ थाना बेलर धूधनिया गांव के रहने वाले उपेंद्र दास की इस यात्रा से उनका परिवार भी प्रसन्न है।