NIA कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। NIA कोर्ट के जज सिराजुद्दीन कुरैशी शनिवार को ननों की जमानत पर फैसला सुनाएंगे। वहीं अब सबकी निगाहें NIA कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, क्या कोर्ट ननों को बेल देगा या उन्हें फिर जेल भेजेगा?
वहीं बचाव पक्ष के वकील अमृतो दास ने बताया कि NIA कोर्ट के सामने सभी बातें रखी गई है। ननों के खिलाफ जिस तरीके से जो डायरी में मटेरियल आया है, उसे कोर्ट को बताया गया है। ननों के खिलाफ पुलिस के पास कोई भी सबूत नहीं हैं। प्रॉसीक्यूशन ने इंट्रोगेशन की डिमांड नहीं की। हमने कोर्ट से अपील की है कि ननों को कस्टडी में रखने की जरूरत ही नहीं है।
वहीं NIA के वकील ने दाऊ चंद्रवंशी ने बताया कि कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। अभी कोर्ट से ऑर्डर नहीं आया है। फैसला सुरक्षित रखा गया है। ननों के पक्ष से बताया गया है कि मानव तस्करी का मामला नहीं है, लेकिन हमें लगता है कि ये मानव तस्करी है। इसलिए कोर्ट में विरोध किया गया है। बाकी कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।
इन सभी के बीच मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने ननों की गिरफ्तारी के खिलाफ CM विष्णु देव साय को पत्र लिखा है। सरकार से निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने और केरल की दो कैथोलिक ननों के खिलाफ आरोप वापस लेने पर विचार करने की अपील की है।
साथ ही कहा कि उन्हें कथित मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया। संगमा ने आरोपों को झूठा बताया है। छत्तीसगढ़ सरकार से धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने और न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
वहीं ननों के साथ पकड़ाई नारायणपुर के अबूझमाड़ की रहने वाली कमलेश्वरी ने कहा है कि हमें कोई अपहरण कर नहीं ले जा रहा था। अपनी मर्जी से आगरा जा रहे थे। ननों पर झूठा आरोप लगाया गया है। हमसे मारपीट कर जबरदस्ती बयान लिया गया। मेरा पूरा परिवार पिछले 5-6 साल से ईसाई धर्म को मान रहा है।