फिर पुलिस स्टेशन लेकर गए। वहां हमें एक कमरे में रखा। पुलिस जवानों को बाहर कर एक कमरे में घुस गए। कमरे के अंदर ज्योति शर्मा और उसके साथ 20 से 25 लड़के थे। कमरे में भी हमें पीटा गया। FIR कराने हम पर जबरदस्ती दबाव बनाया गया। FIR नहीं कराने पर धमकी देने लगे।
अबूझमाड़ की रहने वाली हैं तीनों लड़कियां
दरअसल, ये तीनों युवतियां नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ के अलग-अलग गांवों की रहने वाली हैं। ये ईसाई धर्म को मानती हैं। कुछ दिन पहले 2 नन के साथ आगरा जा रही थी। इसी बीच दुर्ग रेलवे स्टेशन पर इन्हें रोक लिया गया था। ननों की गिरफ्तारी हुई थी। हालांकि, आज 2 अगस्त को उन्हें बेल मिल गई है।
SP को दिया आवेदन
शनिवार को को ही ये तीनों युवतियां नारायणपुर SP कार्यालय पहुंचीं। इन्होंने लिखित आवेदन देकर SP से FIR की मांग की है। इन तीनों युवतियों में एक की उम्र 21 साल, 2 युवतियों की उम्र 19-19 साल है। इन्होंने कहा है कि दुर्ग में पुलिस ने कोरे कागज पर दस्तखत करवाया।
आरोप- 4 दिन कमरे में बंद रखा
उनका आरोप है कि, उन्हें सखी वन स्टॉप सेंटर भेज दिया था। वहां भी हमें 4 दिनों तक एक कमरे में बंद कर रखा था। न तो किसी से बात करने दिया गया और न ही कमरे से बाहर जाने दिया। इनका कहना है कि वे अपने परिजनों की इजाजत से ही ननों के साथ जा रही थीं।
इनके आरोप के बाद हमने नारायणपुर SP रॉबिंसन गोरिया से भी बात करने की कोशिश की। हालांकि, उन्होंने फोन नहीं उठाया।