एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष राजा देवांगण ने बताया कि महाविद्यालय प्रशासन को पहले ज्ञापन सौंपा गया था। इसके बाद एक सप्ताह तक हस्ताक्षर अभियान चलाकर छात्रों का समर्थन जुटाया गया। लेकिन ठोस निर्णय न लेने पर यह घेराव किया गया।
ये है छात्र संगठन की मुख्य मांगें
छात्र संगठन की मांग है कि एडमिशन फीस में की गई बढ़ोतरी को तत्काल निरस्त किया जाए, जिन छात्रों से एक्स्ट्रा फीस वसूला गया है उन्हें वापस किया जाए, और फीस स्ट्रक्चर केवल विश्वविद्यालय और शासन के निर्देशों के अनुसार ही लागू हो।
दो बार देना पड़ता है एग्जाम फीस
देवांगण ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत विद्यार्थियों को दो बार एग्जाम देना और दो बार एग्जाम फीस भरना पड़ रहा है। यह छात्रों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ है। अब महाविद्यालय प्रशासन ने फीस बढ़ाकर इस बोझ को और दोगुना कर दिया है।
मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ती आर्थिक जिम्मेदारियों की वजह से गरीब और मध्यमवर्गीय विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। यह शिक्षा के अधिकार और समान अवसर की मूल भावना के खिलाफ है।
घेराव के दौरान कॉलेज प्राचार्य द्वारा लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन समाप्त किया। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो यह आंदोलन और अधिक उग्र स्वरूप लेगा।