बता दें कि EOW ने गुरुवार को कारोबारी पप्पू बंसल को पूछताछ के लिए तलब किया था। अफसरों ने पप्पू और विजय को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की है। उनके माध्यम से बैंक ट्रांजेक्शन का रिकार्ड सामने रखा और पूछा कि उन्होंने क्यों और किसलिए कांग्रेस के बड़े नेताओं और उनके रिश्तेदारों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए थे।
जांच में ये बात आई सामने
EOW ने जांच में पाया है कि भाटिया और बंसल के खाते से कांग्रेस के सीनियर नेताओं और उनके करीबी रिश्तेदारों के खातों में पैसे ट्रांजेक्शन का रिकार्ड मिला है। ACB-EOW इसी एंगल पर जांच कर रही है कि शराब घोटाले का पैसा किन किन लोगों और राजनेताओं तक पहुंचा है।
इसी वजह से ईओडब्ल्यू ने पहले विजय भाटिया को गिरफ्तार किया। विजय अपने परिवार के साथ दिल्ली में था। वह दिल्ली से कहीं विदेश भागने की तैयारी में था। उसके पहले ही ईओडब्ल्यू ने उसे दिल्ली से पकड़ लिया था।
परिचित के नाम से बनाई ओम कंपनी
जानकारी के मुताबिक, ईओडब्ल्यू की जांच में पता चला है कि विजय ने विदेशी कंपनी की शराब सप्लाई कर 15 करोड़ से ज्यादा कमीशन लिया। घोटाले के पैसे प्रॉपर्टी में लगाए हैं। इसकी जांच चल रही है।
विजय ने अपने करीबी अतुल सिंह और मुकेश मनचंदा के नाम पर ओम साईं बेवरेज लिमिटेड नामक कंपनी बनाई। इसकी 52 फीसदी हिस्सेदारी विजय ने खुद के पास रखी। यह कंपनी विदेशी शराब कंपनी से शराब खरीदती थी। इसमें अपना 10 प्रतिशत कमीशन जोड़कर सरकार को सप्लाई करती थी। इस कमीशन का 60 फीसदी सिंडिकेट और 40 फीसदी कमीशन खुद रखता था।