नईदिल्ली. सोशल मीडिया पर ‘जस्टिस फॉर आएशा’ के लिए मुहिम तेज हो गई है। लोगों ने मुंबई पुलिस से पीड़िता को सुरक्षा देने की गुहार लगाई है। #justiceforNatasha (बदला हुआ नाम)’ पिछले 24 घंटे में इंडिया के टॉप ट्रेंड में शामिल हो गया है। इस हैश टैग के तहत चार पेज की एक चिट्ठी भी शेयर की जा रही है। चिट्ठी में आएशा मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अलग-अलग आरोप लगा रही है।
इस पत्र में, जिसे पीड़िता का बताया जा रहा है, आगे दावा किया गया है कि सितम्बर 5, 2013 को सुरेश ने उसे बांद्रा वेस्ट स्थित होटल ताज लैंड्स में ये कह कर बुलाया कि वो कुछ प्रभावशाली लोगों से मिलवाएगा, लेकिन जब वो वहाँ पहुँचीं तो 3 ही लोग थे। दावा किया गया है कि इनमें से एक झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन थे और वहीं पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ। बता दें कि जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 के बीच भी हेमंत मुख्यमंत्री थे, जिसके बाद वो राज्य में नेता प्रतिपक्ष बने।
पत्र में पीड़िता ने कहा कि जब वो पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने गई तो वहाँ भी उसे प्रताड़ित किया गया क्योंकि तब हेमंत सोरेन एक बड़े पद पर काबिज थे। उसने लिखा है कि सुरेश नागरे उसे फिर से हेमंत सोरेन के पास भेजने के लिए मैसेज कर रहा था, लेकिन वो नजरअंदाज करती रहीं। उसने बताया है कि इस मामले में बांद्रा पुलिस थाने में अक्टूबर 20, 2013 को आधा दर्जन से भी अधिक धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कराई गई।
इसके बाद पत्र में पीड़िता द्वारा दावा किया गया है कि शिकायत दर्ज कराते ही उसे और उसके परिवार को जान से मार डालने की धमकियाँ मिलने लगीं और आरोपितों की तरफ से फोन कॉल करवाए जाने लगे। उसने लिखा है कि दबाव बना कर उससे हस्ताक्षर कराया गया और उसे बाद में पता चला कि केस वापस लेने के लिए ऐसा किया गया है। साथ ही खुद के डरे होने की बात कहते हुए FIR दर्ज कराने की माँग की गई है।
पत्र में पीड़िता ने अपना नाम ‘नताशा खान’ (बदला हुआ नाम) बताया है। बांद्रा पुलिस स्टेशन के सीनियर इंस्पेक्टर को लिखे गए इस पत्र में उसने लिखा है कि इससे पहले वो शिकायत दर्ज कराने की स्थिति में नहीं थी, क्योंकि उसे पता था कि एक प्रभावशाली व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी और उसे ही प्रताड़ित किया जाएगा। अब लोग इस पत्र की कॉपी ट्विटर पर वायरल करते हुए हेमंत सोरेन के खिलाफ कार्रवाई की माँग कर रहे हैं।