रायपुर। मुख्यमंत्री निवास में साप्ताहिक जनदर्शन गुरुवार को आयोजित हुआ। रिमझिम बारिश बीच जनदर्शन में मुख्यमंत्री साय से मिलने, उनसे अपनी समस्याएं बताने और उनके समाधान के लिए बड़ी संख्या में लोग मुख्यमंत्री निवास पहुचे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जनदर्शन में आए आम जनता की समस्याएं सुनी।
इस बीच मुख्यमंत्री साय ने मुख्यमंत्री निवास में आयोजित जनदर्शन के अवसर पर हर घर तिरंगा अभियान के तहत लोगों को तिरंगा वितरित किया। इस अभियान के अंतर्गत, लोगों को राष्ट्रीय ध्वज सौंपे गए ताकि वे भी स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक को अपने घरों में फहरा सकें।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों से अभियान में सक्रिय सहभागिता निभाने की अपील की और इस राष्ट्रीय ध्वज को गर्व के साथ अपने घरों में फहराने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि तिरंगा केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि भारतीयता और एकता का प्रतीक है, जिसे हर नागरिक को सम्मान देना चाहिए।
जनदर्शन में सीएम साय का सम्मान
वहीं छत्तीसगढ़ की खिलाड़ी रीता देवी ने न्यूज़ीलैंड में आयोजित होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से पूर्व में आयोजित जनदर्शन में सहायता की मांग की थी। मुख्यमंत्री साय ने रीता की सहायता के लिए तत्काल सहायता राशि चार लाख रुपये स्वीकृत किया था।
सीएम साय से मिली सहायता राशि की मदद से रीता न्यूज़ीलैंड पहुंच पायी। इतना नहीं रीता ने वहां सिल्वर मेडल भी जीती। आज इस ख़ुशी को रीता के माता-पिता ने मुख्यमंत्री के साथ साझा किया और सम्मान में उन्होंने मुख्यमंत्री साय को श्रीफल भेंट कर सहायता के लिए आभार जताया।
रक्षाबंधन के तोहफे में मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति
मुख्यमंत्री से बिलासपुर की रिशी अग्रवाल और बेमेतरा जिले की सिद्धका गोस्वामी ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए गुहार लगाई। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप राखी के पूर्व मेरे लिए राखी लेकर आई है और आपने मेरे हाथों में राखी बांध दिया। छत्तीसगढ़ की सभी बहनों का स्नेह मुझ पर है। रक्षाबंधन का तोहफा मैं आपको अनुकंपा नियुक्ति के रूप में जल्द प्रेषित करूंगा। उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति के आवेदनों पर अधिकारियों को जल्द कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
जमीन का जल्द मिलेगा मुआवजा
बालोद निवासी श्री बोधन लाल ने मुख्यमंत्री श्री साय को बताया कि उनकी जमीन अंडा में सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित की गई थी, लेकिन अब तक उन्हें भू-अर्जन की मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है। मुख्यमंत्री ने इस पर बालोद कलेक्टर को त्वरित कार्रवाई कर भू अर्जन की राशि दिलाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही भू अर्जन से प्रभावित अन्य लोगों को भी शीघ्र राहत देने के निर्देश दिए।
लक्ष्य के इलाज की होगी व्यवस्था
रायपुर के फाफाडीह के रमण मंदिर वार्ड से आए रोशन साहू ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनका बेटा 8 साल का लक्ष्य एस्ट्रॉफी ऑफ़ ब्लैडर बीमारी से पीड़ित है। इसके इलाज के लिए उन्हें अहमदाबाद इसके लिए नियमित रूप से जाना पड़ेगा, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उनकी समस्या सुनकर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बच्चे की बीमारी के संबंध में इलाज की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। लक्ष्य के पिता ने कहा कि मैं बच्चे का लंबे समय तक इलाज करते हुए परेशान हो गया था और हिम्मत हार चुका था अब मुख्यमंत्री के मिलने के बाद मुझे नई उम्मीद जगी है।
खपरी गांव को मिलेगी जर्जर सड़कों से मुक्ति
जनदर्शन कार्यक्रम में बालोद जिला के ग्राम पंचायत खपरी ब की सरपंच श्रीमती जनक बाई साहू ने मुख्यमंत्री को बताया कि ग्राम ईरागुड़ा से पायला पहुंच मार्ग की स्थिति बहुत ही जर्जर हो गई है, जिससे राहगीरों को आने-जाने में बहुत परेशानी हो रही है। उन्होंने गांव की अन्य समस्याओं से भी अवगत कराया। मुख्यमंत्री श्री साय ने उनकी बातों को गंभीरता से सुनकर शीघ्र समस्याओं का समाधान करने की बात कही। साथ ही अन्य मांगों को भी पूरा करने का आश्वासन दिया।
दिव्यांग रूपेश को मिली पचास हजार रुपए की सहायता राशि
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने निवास परिसर में आयोजित जनदर्शन में आए दिव्यांग रूपेश कुमार साहू को शिक्षण, प्रशिक्षण और व्यवसाय के लिए 50 हज़ार रूपए आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की। इस घोषणा से रूपेश की खुशी का ठिकाना नही रहा। उन्होंने कहा कि जीवन में आने वाले संघर्षाे को हँसते हुए सामना करना अब उनकी दिनचर्या में शामिल है। भानसोज निवासी दिव्यांग रूपेश कुमार साहू कठिनाईयों का हँसते हुए सामना कर अपने दो भाइयों के साथ-साथ अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत करने में भूमिका निभा रहे हैं। ऑटोपार्ट्स दुकान का संचालन कर एक बेहतर भविष्य का निर्माण करने में लगे हुए हैं।
दिव्यांग रूपेश साहू भूमिहीन परिवार से है। उनके पिता पुष्कर साहू मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण किया। वर्ष 2018 में रूपेश की मां की मृत्यु होने पर बच्चों के पालन पोषण में की जिम्मेदारी पिता पर आ गई। रूपेश दिव्यांग होने के कारण उनके पालन पोषण में परेशानियों का सामना करना पड़ा। दिव्यांग रूपेश पढ़ाई में बेहतर था, उन्होंने बी. ए. की परीक्षा उत्तीर्ण की। अपनी दिव्यांगता को कमजोरी न मानकर उसने अपने हौसलें को कभी टूटने नहीं दिया। उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने का हर संभव प्रयास किया। वर्तमान में वे ग्राम कोसरंगी में अपने दो भाइयों के साथ ऑटोपार्ट्स दुकान का संचालन कर रहे हैं।
जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंचे दिव्यांग रूपेश की दास्तान की सुनकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें 50 हज़ार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करने की स्वीकृति दी। मुख्यमंत्री श्री साय के हाथों मिली आर्थिक मदद ने रूपेश के जीवन में एक नई उम्मीद की किरण जगाई है। अब वे अपने व्यवसाय को और भी बेहतर तरीके से कर सकेंगे और अपने साथ भाईयों के भविष्य को सुरक्षित कर सकेंगे।