बच्चों ने नंदिया बैला दौड़ा कर मनाया पोरा का पर्व, कृषि में सहयोग देने वाले गौवंशो की गांँवो में की गई पूजा अर्चना

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पूरन मेश्राम/मैनपुर। पारंपरिक पर्व पोरा तहसील मुख्यालय मैनपुर सहित पूरे विकासखंड क्षेत्र मे आज सोमवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, कृषि कार्य बंद रखकर किसानों ने कृषि में सहयोग करने वाले गौ वंश बैलो की पूजा का त्योहार विशेष पर्व पर बनाए जाने वाले पंरपरागत पकवान घरों में बनाए गए सुबह से किसान कच्चे मिट्टी से बनाए गये नंदी बैलों की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हुए चावल आटे से बने चिला रोटी चढ़ाकर सुख समृध्दि की कामना की।

वहीं बच्चे पूजा अर्चना के बाद अपने अपने नांदिया बैलो को पहिए लगाकर व साज सजावट करते ही गली भ्रमण के लिए निकल पड़ेे तो वही छोटी बच्चियां अपने मिटटी के खिलौने जांता चुकी पोरा को लेकर खेलते नजर आये, छोटे छोटे बच्चे गली मोहल्लो मे नांदिया बैला चलाते हुए चुकी पोरा खेलते रहे। किसानो के मान्यता के अनुसार इस दिन खेती किसानी का कार्य बंद रहता है और धान की फसल इस दिन से गर्भ धारण करती है। पोरा त्यौहार के चलते ही गांवो मे भाई या पिता अपने अपने बेटियों को परंपरा अनुसार तीजा लेने जाते है।

जहां तीजहारिन ठीक दो दिन बाद अपने माइके मे रहकर कड़ु भात खाकर दूसरे दिन हरितालिका तीज का उपवास रखती है वहीं पोरा पर्व के चलते घरो मे ठेठरी, खुर्मी, सोहारी, अरसा, कटवा, कतरा, अनरसा, गुजिया तथा छत्तीसगढ़ी पकवानो की धूम देखने को मिली वहीं ग्रामीण अंचलो में कई ग्रामीण खेलो का आयोजन भी किया गया जिसमे गांव के महिला पुरूष बच्चे भाग लेकर पारंपरिक पोरा उत्सव मनाये।

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