कलेक्टर बोले- अवैध शराब की शिकायत पर SP जिम्मेदार होंगे : रायपुर में साय ने कहा- पुलिस के हाथ लोहे और दिल मोम जैसा होना चाहिए

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। सीएम साय ने कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन कहा कि पुलिस के हाथ लोहे की तरह और दिल मोम जैसा होना चाहिए। शहर में अवैध शराब, जुआ-सट्टा और नशाखोरी की शिकायतें मिलने पर एसपी जिम्मेदार होंगे। प्रदेश में अपराधों की रोकथाम, बेसिक पुलिसिंग और कानून व्यवस्था पर शुक्रवार को लंबी समीक्षा हुई, सीएम ने कहा कि इसका रिजल्ट दिखना चाहिए।

दूसरे दिन क्या क्या हुआ ?

CM साय ने कहा कि रायपुर में सरकारी जमीनों पर भूमाफियाओं का कब्जा है। राजस्व और पुलिस की टीम मिलकर इसे नियंत्रण करें। बिलासपुर रेंज में अपराधों में कमी आई है, लेकिन संतोष नहीं करना है। वहीं CM ने दुर्ग और राजनांदगांव रेंज पुलिस को और मेहनत करने की जरूरत बताई।

कॉन्फ्रेंस के पहले दिन जिलों के कलेक्टर के साथ हुई मीटिंग में CM विष्णुदेव साय ने अफसरों को फटकार लगाई। उन्होंने अफसरों को भाषा पर संयम रखने को कहा। खासकर CM के निशाने पर सारंगढ़, खैरागढ़, बस्तर और रायगढ़ के कलेक्टर रहे। उन्होंने जनता के काम ढंग से नहीं होने पर नाराजगी जताई।

CM साय के स्पीच की 4 बड़ी बातें

  1. मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान अपनी स्पीच में कहा कि आप सभी अधिकारी छत्तीसगढ़ की सरकार की दो आंखें, कान और हाथ हैं।सरकार के 9 महीने पूरे हो रहे हैं तो निश्चित रूप से इस कॉन्फ्रेंस का रिजल्ट निकलना चाहिए।
  2. अनुशासनहीन कर्मचारियों पर फौरन कार्रवाई होनी चाहिए, थाने का सिपाही और हवलदार ही आपके जिले में न केवल आपकी बल्कि सरकार की छवि बनाता और बिगड़ता है। इसलिए अपने स्टाफ पर आपका नियंत्रण होना जरूरी है।
  3. पिछले दिनों जिला दुर्ग में सट्टा, बिलासपुर में अवैध शराब के मामले में और सक्ति में गांजा संबंधी अपराध में पुलिस कर्मचारी शामिल थे। इनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है। ऐसे कर्मचारी जो गलत कामों में शामिल हैं अपराधियों का साथ देते हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
  4. प्रदेश में नक्सलियों के पांव उखड़ रहे हैं। पिछले 5 सालों में 219 माओवादी मारे गए थे, वहीं बीते 9 महीने में 159 माओवादी मारे गए हैं। सुरक्षाबलों की प्रभावी कार्रवाई से माओवादी घटना में कमी आई है।

कलेक्टर-एसपी आंख, कान और हाथ

  • शांति-सुरक्षा स्थापित करने का संकल्प लेकर जाएं अधिकारी, तभी होगा विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण।
  • कलेक्टर-एसपी आंख, कान और हाथ, कानून व्यवस्था दुरुस्त करने में इनकी सबसे अहम भूमिका।
  • अवैध शराब, जुआ-सट्टा, नशाखोरी पर हो जीरो टॉलरेंस, शिकायतें मिलने पर एसपी होंगे जिम्मेदार।
  • लोगों को न्याय दिलाने के लिए हो काम

पहले दिन क्या क्या हुआ?

आमतौर पर सहज और सरल रहने वाले CM साय ने कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कड़े तेवर दिखाए। सभी जिला कलेक्टर को दो टूक कहा- भाषा पर संयम रखें, ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें, नहीं तो मैं करूंगा। दरअसल, पिछले दिनों बिलासपुर और राजनांदगांव में अफसरों ने छात्राओं को जेल भेजने की धमकी दी थी।

वहीं राजस्व मामलों को लेकर भी उन्होंने नाराजगी जताई। CM ने कहा बोले- छोटे-छोटे कामों को लेकर उन्हें सीएम हाऊस तक आना पड़ रहा है। जनता भटक रही है, ये बर्दाश्त नहीं। साथ ही राजस्व मामलों को तेज गति से निपटाने के निर्देश दिया।नागरिक छोटी-छोटी त्रुटि के लिए भटकते रहते हैं। जल्द से जल्द निराकरण हो इसका ख्याल रखें।

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