गैदू के ED दफ्तर से बाहर निकलने के बाद करीब 2 घंटे बाद ओझा बाहर आए। उन्होंने बताया कि गैदू और उनसे अलग-अलग पूछताछ हुई। ओझा करीब 10 घंटे बाद ED दफ्तर से बाहर निकले।सुशील ओझा ने कहा कि मलकीत सिंह गैदू से क्या पूछा गया इसकी जानकारी मुझे नहीं है, लेकिन मुझसे शराब घोटाले से जुड़े जो भी सवाल मुझसे पूछे गए। मैंने सारे सवालों के जवाब दिए हैं।
ओझा को फरार माना जा रहा था
पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बंगले में जब रेड पड़ी थी। तब ED की टीम कवासी के करीबी कांग्रेस नेता सुशील ओझा के निवास भी पहुंची थी। हालांकि उस वक्त वे घर पर नहीं मिले। तब उनके परिवार के सदस्यों से ही पूछताछ की गई थी और उन्हें फरार माना जा रहा था।
इसका जवाब देते हुए ओझा ने बताया कि ED की रेड 28 दिसंबर को थी जबकि वे 25 दिसंबर से ही छत्तीसगढ़ से बाहर थे। इसलिए उन्हें फरार समझा जा रहा था, लेकिन वापस लौटने के बाद ED ने जब पूछताछ के लिए बुलाया तब मैं जवाब देने गया।
गैदू को 3 मार्च को फिर से बुलाया गया
मलकित सिंह गैदू को दस्तावेज लेकर 27 मार्च को बुलाया गया था। 33 पन्नों के दस्तावेज लेकर वे ED के दफ्तर जवाब देने गए थे।
इस दौरान जब कई घंटे बाद भी गैदू बाहर नहीं आए। तब कांग्रेस नेताओं ने ED दफ्तर के बाहर बीजेपी कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर के जांच की मांग को लेकर नारेबाजी की।
8 घंटे की पूछताछ के बाद ED दफ्तर से बाहर निकले मलकीत सिंह गैदू ने बताया कि, जो भी दस्तावेज मांगे गए थे मैंने सबमिट किए हैं। उसके बाद भी शराब घोटाले और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से जुड़े सवाल भी पूछे गए। 3 मार्च को फिर से ED ने दस्तावेजों के साथ बुलाया गया है।
दिल्ली बीजेपी कार्यालय का हिसाब पूछें- बघेल
इस कार्रवाई को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी कहा कि, लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ED कार्रवाई कर रही है। ED और IT का काम कांग्रेस को बदनाम करने का रह गया है। हिम्मत है तो दिल्ली में बने कार्यालय का हिसाब पूछ लें। बीजेपी से भी पूछ लें कांग्रेस से ही पूछेंगे क्या?
रायपुर के राजीव भवन पहुंची थी ED
इससे पहले, मंगलवार को 4 सदस्यीय ED टीम सुरक्षा बलों के साथ रायपुर स्थित कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन भी पहुंची थी। यहां मलकीत सिंह गैदू को समन सौंपा गया था। जांच एजेंसी ने कांग्रेस से यह स्पष्ट करने को कहा है कि सुकमा और कोंटा में बने राजीव भवन का निर्माण किस सोर्स से हुआ। इसमें किसने पैसा दिया और निर्माण कार्य की पूरी प्रक्रिया क्या रही?
कांग्रेस नेताओं ने इस कार्रवाई को लेकर एक सीक्रेट मीटिंग भी की थी, जिसमें कानूनी विशेषज्ञ और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मौजूद रहे। बैठक में यह तय किया गया कि जांच एजेंसी को सभी जरूरी दस्तावेज सौंपे जाएंगे और पूरे मामले में सहयोग किया जाएगा।
मलकीत सिंह गैदू ने कहा कि, हमारे पास हर सवाल का जवाब है और हम जांच एजेंसी का पूरा सहयोग करेंगे। हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जो भी जानकारी मांगी गई है, वह देने के लिए तैयार हैं।