रायपुर. सावन मास में शिवजी की महिमा के चलते प्रदेश में अंडों के साथ चिकन की बिक्री कम हो गई है। इसी के साथ इनकी कीमत में भी कमी आ गई है। प्रदेश के साथ दूसरे राज्यों में हर रोज करीब 70 लाख अंडों की खपत होती है, लेकिन यह खपत 30 लाख कम हो गई है। इसी के साथ अंडों की कीमत में भी एक रुपए की कमी आई है। चिकन की खपत भी कम हो गई है। इसका रेट भी कम हो गया है। प्रदेश में पोल्ट्री फार्म में रोज 70 लाख अंडों का उत्पादन होता है। इसमें से करीब 50 फीसदी अंडे दूसरे राज्यों के लिए जाते हैं। बाकी प्रदेश के जिलों में बिकते हैं।
सावन के प्रारंभ होने से पहले की बात करें, तो इनकी खपत नियमित रूप से उत्पादन जितनी हो रही थी। सावन लगते ही खपत में 30 फीसदी की कमी आई है। यह कमी जहां प्रदेश में होने वाली खपत में आई है। वहीं दूसरे राज्यों में जाने में वाले अंडों की संख्या में भी हुई है। पोल्ट्री फार्म से जुड़े कारोबारियों का कहना है, पांच अगस्त से महाराष्ट्र में सावन प्रारंभ हो रहा है, वहां सावन के कारण खपत में और कमी की संभावना है।
रेट हुआ कम
अंडों का रेट लॉकडाउन के बाद आसमान पर चला गया था। पोल्ट्री फार्म में जहां इसकी कीमत साढ़े पांच रुपए रही, वहीं थोक में यह 5.75 से 6.00 रुपए तक बिक रहा था। जहां तक चिल्हर का सवाल है, तो चिल्हर में इसकी कीमत साढ़े छह रुपए थी। लेकिन सावन में जहां पोल्ट्री फार्म में अंडा 4.37 से 4.40 रुपए में मिल रहा है, वहीं थोक में यह पांच रुपए में बिक रहा है। चिल्हर कारोबारी इसको साढ़े पांच रुपए तक बेच रहे हैं। इसी तरह चिकन की कीमत भी 20 रुपए कम हो गई है। पहले यह 180 रुपए किलो बिक रहा था। अब यह 160 रुपए में बिक रहा है। जहां तक इंडियन बाॅयलर और पोल्ट्री फार्म से जुड़े चिकन सेंटरों का सवाल है, तो वहां पहले यह 160 रुपए में बिकता था, अब 140 रुपए किलो बिक रहा है।