कोरोना टेस्ट करवाकर गलत जानकारी, पता या मोबाइल बंद किया तो होगी कार्रवाई, 2 के खिलाफ दर्ज हो चुका है मामला

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना खौफनाक रफ्तार में बढ़ रही है। मौत के डरावने आंकड़े भी सामने आ रहे हैं। लेकिन बावजूद कई कोरोना मरीज इस बीमारी को मजाक बनाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अब ऐसे मस्तीबाज कोरोना मरीजों को प्रशासन सबक सीखाने का निर्देश दिया है। कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि ऐसे कोरोना मरीज जो टेस्ट कराने के वक्त गलत मोबाइल नंबर दे रहे हैं या फिर जो मरीज पॉजेटिव आने के बाद अपना मोबाइल बंद कर गायब हो जा रहे हैं, उन मरीजों के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज की जाये।

यहां हम आपको बता दें कि 1 सितंबर को गतल मोबाइल व पता बताने के कारण राजधानी रायपुर में फुटबाल हाउस सुंदर नगर निवासी आशीष शर्मा और न्यू चंगोराभाठा निवासी ओंकार देवांगन के खिलाफ 188, 269, 270 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया है। आम नागरिकों को चाहिए कि कोरोना टेस्ट को गंभीरता से लें और टेस्ट के दौरान अपनी जानकारी सहीं-सहीं दर्ज कराएं।

दरअसल पिछले कुछ दिनों लगातार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस बात को लेकर परेशान थे कि उन्हें कई मरीजों का पता नहीं मिल रहा है और जो मोबाइल नंबर दिया गया है, वो या गलत है या फिर बंद है। ऐसे में ना तो मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया जा पा रहा था और ना ही उनके प्राइमिरी कांटेक्ट्स को ही तलाशा जा पा रहा था। राजधानी में ऐसे मामले काफी ज्यादा सामने आ रहे थे। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों के बढ़ने की एक बड़ी वजह ये भी सामने आ रही थी।

कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि इस महामारी के दौरान मोबाइल स्वीच आफ कर लेना या गलत पता देना, गंभीर आपराधिक कृत्य है। हालांकि एफआईआर में क्या धाराएं लगेगी, इसके लिए एसएसपी को अधिकृत किया गया है। इधर इस मामले पर एसएसपी अजय यादव ने कहा है कि ऐसी शिकायतों पर पुलिस प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई करेगी, साथ ही महामारी एक्ट के तहत भी इनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि इस बीमारी से निपटने में अपना सहयोग दें और कोई भी ऐसा कृत्य ना करें, जिसकी वजह से दूसरों की जान को खतरा हो या फिर विभाग के कामकाज में अड़चनें आये।

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