देश में किसान आत्महत्या कर रहा है, सरकार तमाशबीन बनकर देख रही है – भीमसेन मरकाम

Chhattisgarh Crimes

महासमुंद का पीड़ित किसान परिवार को 50 लाख रूपये मुआवजा देने अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के अध्यक्ष भीमसेन मरकाम ने किया मांग

पूरन मेश्राम।

मैनपुर – अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के अध्यक्ष भीमसेन मरकाम ने महासमुंद जिले के एक किसान द्वारा आत्महत्या करने के बाद अपनी प्रतिक्रिया जताते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आज देश में किसान आत्महत्या कर रहा है, छत्तीसगढ़ उससे अछूता नहीं है, पहले महाजन, सूदखोर किसानों को लूटते थे, अब बैंक एवं सूदखोर किसानों को लूट रहे हैं और सरकार तमाशबीन बनकर देख रही है। खनौरी बॉडर एवं सिंघु बॉडर पर एक साल से किसानों का आंदोलन जारी जगजीत सिंह डालेवाल 110 दिनों से आमरण अनशन पर है लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता इस पूरे किसान आंदोलन में अब तक हजारों किसान शहीद हो गये है। भीमसेन मरकाम ने कहा कि तीन दिन पहले 10 मार्च को ग्राम सिंघनपुर, तहसील- झलप, जिला- महासमुन्द (छ.ग.) के कृषक पुरण निषाद पिता सुधराम निषाद उम्र 55 वर्ष द्वारा अपने खेत के एक पेड़ में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया था, पीड़ित परिवार से मिली जानकारी के अनुसार मृतक किसान के पास करीब पौने तीन एकड़ स्वयं की क़ृषि भूमि है तथा करीब दो एकड़ रेगहा में लेकर खेती किसानी करता है खेती करने के लिए मृतक किसान द्वारा ग्रामीण बैंक शाखा झलप में करीब एक लाख पचपन हजार रुपये का केसीसी कर्ज है। इसके अलावा करीब दो लाख रुपये साहूकारी कर्ज होना बताया है। बिजली की लो वोल्टेज की समस्या के कारण खेतों की सिंचाई पूरा नहीं होने से धान फसल सुख रहा था, जिससे किसान बहुत ही ज्यादा परेशान था। कृषक पुरण निषाद कर्ज की चिंता और लो वोल्टेज के चलते फसल खराब होने के कारण मानसिक रुप से बहुत ही ज्यादा परेशान था। उन्होने आगे कहा कि केवल पुरण निषाद ही नहीं बल्कि प्रदेश के ज्यादातर किसान कर्ज के मकड़ जाल में फंसे हैं और लो वोल्टेज की समस्या के कारण फसल बर्बाद हो रहा है। जबकि छत्तीसगढ़ में सरप्लस बिजली है और दूसरे राज्यों को बिजली बेचा जा रहा है, राज्य में लो वोल्टेज बिजली कटौती जारी है जिसके कारण किसान एवं आम जनता परेशान हैं, इस हालत के लिए सरकार की जन विरोधी नीतियां एवं उनके बिजली विभाग जिम्मेदार है, अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के अध्यक्ष भीमसेन मरकाम ने मांग की है कि पीड़ित किसानों का सभी प्रकार के कर्जा माफ किया जाना चाहिए, जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर संस्थागत हत्या मान कर पीड़ित परिवार को राहत एवं न्याय प्रदान करे।