कोरोना संकट के बावजूद भी किसानों के हितों की नहीं होगी अनदेखी, खरीफ़ के लिए खाद- बीज की व्यवस्था में जुटी सरकार

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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कोरोना संकट के बावजूद भी राज्य के किसानों के हितों की अनदेखी और उनकी जरूरतों को पूरा करने में किसी भी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। खरीफ सीजन 2021 को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार किसानों की डिमांड के अनुरूप न सिर्फ खाद और बीज की व्यवस्था में जुट गई है, बल्कि तेजी से इनका भंडारण समितियों में कराना शुरू कर दिया है। खरीफ के लिए खाद- बीज की डिमांड को देखते हुए अब तक समितियों में लगभग 45 फीसद खाद और 25 फीसद प्रमाणित बीज का भंडारण करा दिया गया है। खाद बीज के भंडारण की यह प्रक्रिया अनवरत रूप से जारी रहेगी। किसान भाई समितियों से अपनी आवश्यकता के अनुरूप खाद- बीज उठाव कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ 2021 की तैयारियों के लिए किसानों को पैसे की जरूरत पड़ेगी। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत आगामी 21 मई को कृषि आदान सहायता के रूप में पहली किस्त की राशि उनके खातों में अंतरित करेगी, जिससे किसान भाई खेत की तैयारी के साथ साथ अन्य कृषि जरूरतों को पूरा कर सकेंगे।

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि खरीफ़ 2021 के लिए राज्य में विभिन्न प्रकार के बीजों की 9 लाख 52 हज़ार 500 क्विंटल मांग को देखते हुए अब तक 6 लाख 87 हजार 32 क्विंटल प्रमाणित पैक्ड बीज की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई है, जिसमें से 2 लाख 33 हजार 423 क्विंटल बीज का भंडारण समितियों में करा दिया गया है। समितियों में भंडारित बीज की मात्रा कुल मांग की 25 फीसद है। उन्होंने बताया कि राज्य में खरीफ 2021 सीजन के लिए विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का लक्ष्य 11 लाख 75 हजार मैट्रिक टन निर्धारित है, जिसके विरुद्ध तक 5 लाख 25 हजार 528 टन उर्वरक का भंडारण कराया जा चुका है, जिसमे 2लाख 21 हजार 885 टन यूरिया , 90हजार 402 टन डीएपी, 39 हजार 314 टन एनपी, एक लाख 8हज़ार 522 टन सिंगल सुपर फास्फेट का भंडारण शामिल है। किसान समितियों से अब तक 22 हज़ार 940 मैट्रिक टन खाद का अग्रिम उठाव भी कर चुके है।