दरअसल, यह जांच वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान गरियाबंद-धमतरी सीमा पर हुए आईईडी ब्लास्ट से जुड़ी है। यह ब्लास्ट उस वक्त हुआ था जब मतदान के बाद पोलिंग पार्टी वापस लौट रही थी। इस हमले में आईटीबीपी का एक हेड कांस्टेबल शहीद हो गया था। घटना की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंपा गया था।
एनआईए की टीम ने घोरा गांव में दी दबिश
गुरुवार को एनआईए की सात अधिकारियों की टीम सुबह-सुबह घोरा गांव पहुंची। गांव में लोगों से पूछताछ की गई और संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाई गई। लगभग तीन घंटे की जांच के बाद टीम वापस लौट गई।
बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई 2023 में हुए आईईडी ब्लास्ट से जुड़े तथ्यों की दोबारा पुष्टि और स्थानीय नेटवर्क की जांच के तहत की गई।
पहले भी हो चुकी है बड़ी कार्रवाई
इससे पहले भी एनआईए ने धमतरी और गरियाबंद जिलों के 11 संदिग्धों के घरों पर छापेमारी की थी। 27 दिसंबर 2023 को जारी प्रेस रिलीज में बताया गया था कि सेमरा, मैनपुर, केराबहरा, और घोरा गांव समेत कई नक्सल प्रभावित इलाकों में एक साथ रेड की गई थी। इस दौरान करीब डेढ़ लाख रुपये नकद, आईईडी, नक्सली साहित्य, मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए थे।
एनआईए ने इस मामले में अब तक 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है और बाकी संदिग्धों से पूछताछ जारी है।