DMF घोटाला मामले में 1 दिन की न्यायिक रिमांड खत्म होने के बाद 5 आरोपियों को आज ACB-EOW कोर्ट में पेश किया गया

Chhattisgarh Crimes
छत्तीसगढ़ में हुए DMF घोटाला मामले में 1 दिन की न्यायिक रिमांड खत्म होने के बाद 5 आरोपियों को आज ACB-EOW कोर्ट में पेश किया गया। जहां से सौम्या चौरसिया, निलंबित IAS रानू साहू और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, माया वारियर और मनोज द्विवेदी को 19 मार्च तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।

इसके अलावा, सौम्या चौरसिया और रानू साहू ने स्पेशल कोर्ट में जमानत याचिका भी लगाई है। जिस पर 17 मार्च की दोनों के जमानत आवेदन पर सुनवाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत के बाद भी रिहाई मुश्किल

3 मार्च सोमवार को कोल घोटाले में रानू साहू, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी समेत 12 लोगों को को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। लेकिन जमानत मिलने से पहले ही EOW ने DMF मामले में प्रोडक्शन वारंट में तीनों को गिरफ्तार कर लिया। ऐसे में अंतरिम राहत मिलने के बाद भी तीनों की रिहाई नहीं हो पाई है।

ढाई साल बाद जेल से छूटे 6 आरोपी

अवैध कोल परिवहन केस में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत के बाद खनिज अधिकारी शिवशंकर नाग समेत 6 आरोपी रायपुर केंद्रीय जेल से बाहर आ गए हैं। 4 मार्च देर शाम सभी को छोड़ दिया गया है। पिछले ढाई साल से नाग जेल में बंद थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई।

उनके साथ रोशन सिंह, हेमंत जायसवाल, चंद्रप्रकाश जायसवाल और मोइनुद्दीन कुरैशी भी जेल से छूट गए हैं। इस मामले में निलंबित आईएएस रानू साहू, सौम्या चौरसिया और कारोबारी सूर्यकांत को अंतरिम राहत मिली है, लेकिन तीनों को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार DMF मामले में गिरफ्तार किया है। ऐसे में उनकी मुश्किलें कम नहीं हुई है।

DMF घोटाला क्या है ?

प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। केस में यह तथ्य निकाल कर सामने आए हैं कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितता पाई गई। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया। ED की जांच के बाद अब EOW की टीम अपनी जांच तेज कर दी है।

90 करोड़ का घोटाला

ED की जांच ने DMF घोटाले के तौर-तरीकों का खुलासा किया है। इसमें यह बात सामने आई है कि ठेकेदारों के बैंक खाते में जमा की गई रुपए का बड़ा हिस्सा ठेकेदारों ने सीधे कैश में निकाल लिया है। जांच के दौरान ED ने ठेकेदारों, सरकारी और उनके सहयोगियों के अगल-अगल ठिकानों पर रेड मारी थी।

42 प्रतिशत तक दिया गया कमीशन

ED की जांच में पता चला कि, 2021-22 और 2022-23 में मनोज कुमार द्विवेदी ने निलंबित IAS रानू साहू और अन्य अधिकारियों से मिलीभगत की। अपने NGO उदगम सेवा समिति के नाम पर कई DMF ठेके हासिल किए थे। अधिकारियों को टेंडर की राशि का 42% तक कमीशन दिया था।

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